यह है मामला
यह मामला साल 2004 से 2009 के बीच का है जब लालू यादव यूपीए कार्यकाल में रेल मंत्री थे। आरोप है कि उस वक्त रेलवे में नियमों को ताक पर रखकर कई लोगों को नौकरियां दी गई थीं। इसके बदले में लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर बेशकीमती जमीनें लिखवाई गईं। लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़े देवी, बड़ी बेटी मीसा भारती समेत अन्य आरोपी फिलहाल इस मामले में जमानत पर है। सीबीआई के साथ ईडी भी इस कथित घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की जांच कर रही है।
बढ़ सकती है तेजस्वी की मुश्किलें
तेजस्वी का पहले इस मामले में नाम नहीं था। सीबीआई ने पिछले साल जो चार्जशीट दाखिल की थी, उसमें लालू-राबड़ी एवं अन्य पर आरोप लगाए गए थे। हालांकि, जब इस मामले की जांच आगे बढ़ी, तो तेजस्वी के दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में एक कीमती बंगले की जानकारी सामने आई। इसका नौकरी के बदले जमीन घोटाले से लिंक निकला। इसके बाद सीबीआई ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर कर तेजस्वी यादव को भी इस केस में आरोपी बनाया है। अगली पेशी में अगर कोर्ट उनकी गिरफ्तारी का आदेश देता है, तो तेजस्वी को तुरंत जमानत लेनी होगी। नहीं तो उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।(एएमएपी)