उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में श्रीअयोध्या में मनाये जाने वाले दीपोत्सव में एक बार फिर विश्व कीर्तिमान बनाने की तैयारी है। अवधपुरी को 21 लाख दीपों से जगमग करने की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में इस बावत जरूरी दिशा निर्देश दे दिये हैं।उल्लेखनीय है कि अयोध्या दीपोत्सव का कार्यक्रम अपनी भव्यता के लिए पूरी दुनिया में अब पहचाना जाने लगा है। ऐसे में समारोह की गरिमा का पूरा ध्यान रखा जाना आवश्यक है। सभी तैयारियां समय से पूरा करने के प्रयास हो रहे हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ हुई एक प्रदेश स्तरीय बैठक में इस बावत अपनी मंशा साफ कर दी। अधिकारियों को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा है कि दीपोत्सव, उल्लास का अवसर है और इस दौरान आमजन की भावनाओं का ध्यान रखना पुलिस का नैतिक कर्तव्य है। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं है। हालांकि, सीएम योगी के ये शब्द बड़े ही सलीके वाले हैं, लेकिन इसका संदेश उतना ही कड़ा है।
Prime Minister Shri @narendramodi Ji reached Ayodhya where he will take part in the Diwali celebrations. #AyodhyaDeeposav pic.twitter.com/HYvFZSJ87n
— Vineet Vats Tyagi (@vineetvatstyagi) October 23, 2022
ज्ञातव्य हो कि वर्ष 2017 से प्रतिवर्ष दीपोत्सव एक नवीन कीर्तिमान बना रहा है। इस वर्ष 21 लाख दीपों से अवधपुरी जगमग करने की तैयारी है। इसके लिए दीप, तेल, बाती, स्थान, स्वयंसेवकों आदि की पुख्ता व्यवस्था की जा रही है।
सनातन परम्परा का अभिन्न हिस्सा है दीपोत्सव
दीपोत्सव, सनातन परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। यह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, माता सीता और भैया लक्ष्मण के 14 वर्ष के वन प्रवास के उपरांत अयोध्या लौटने की पावन स्मृति स्वरूप है। अयोध्या दीपोत्सव में भगवान श्रीराम की अयोध्या वापसी, भरत मिलाप, श्रीराम राज्याभिषेक आदि प्रसंगों का प्रतीकात्मक चित्रण भी होगा। सरयू मइया की आरती भी उतारी जाएगी। इतना ही नहीं, चार देशों और 24 प्रदेशों की रामलीलाओं का मंचन इस क्षण को उल्लसित करेगा। इस आयोजन पर पूरी दुनिया की दृष्टि भी है।
सजेगी अयोध्या, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
दीपोत्सव की भव्यता निहारने बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन की सहभागिता होगी। मुख्य समारोह के अतिरिक्त अयोध्या नगर के सभी धार्मिक स्थलों, मठ-मंदिरों की सजावट भी होगी। ऐसे में यहाँ न सिर्फ भगवान के भक्तों बल्कि विदेशी पर्यटकों का जमवाड़ा भी होगा। क्षेत्रीय जनमानस के आने से यहाँ की भीड़ को नियंत्रित करना और उन्हें अनुशासित रखना भी चुनौतीपूर्ण कार्य होगा। इसे ध्यान में रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने का कार्य भी शुरु हो चुका है।
फिर बनेगा विश्व रिकॉर्ड, 21 लाख दिये बढ़ाएंगे अयोध्या की रौनकhttps://t.co/xgBsCCgJD3@ShriRamTeerth @RSSorg #Deepotsav #ayodhyadeeposav #saryutat #ayodhyarammandir #UPCM #CMYogiAdityanath #worldrecord pic.twitter.com/JNSinYWaun
— Nyaay 24 news (@Nyaay24) November 6, 2023
सीधा प्रसारण का रहेगा इंतजाम
अयोध्या जनपद में जगह-जगह पर समारोह का सीधा प्रसारण का इंतजाम भी रहेगा। ताकि अधिकाधिक लोग, दीपोत्सव से जुड़ सकें। इस बावत अभी से स्थलों का चयन और प्रसारण की व्यवस्था पुख्ता की जा रही है। राम की पैडी और ऐसे ही अन्य स्थलों पर प्रसारण के परीक्षण का कार्य अबाध गति से चल रहा है। व्यवस्था में जुड़े लोग और कार्यकर्ता रात में भी इसका ट्रायल कर रहे हैं।
यह भी है प्लानिंग
दीपोत्सव के मुख्य समारोह होने के बाद लोगों को वहां से सुरक्षित निकालने का प्रबंध हो रहा है। उन्हें उनके गंतव्य तक आसानी से पहुँचाने के हर बिंदु पर एक प्लानिंग के तहत कार्य चल रहा है। महिलाओं, बच्चों और विदेशी कलाकारों को सुरक्षित घर तक पहुंचाने की व्यवस्था भी हो रही है। इतना ही नहीं, भगदड़ की स्थिति न बनने के उपायों को भी ढूंढा जा रहा है। यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न होती भी है तो उससे निपटने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की जा रही है। मंदिरों में भी भीड़ के सम्भावना के दृष्टिगत 24×7 पुलिस बल की तैनाती किये जाने की तैयारी है।
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प्रशासन-पुलिस को हिदायत
उल्लास और उत्साह के पर्व दीपोत्सव पर अयोध्या में स्थानीय जन और देश-विदेश के पर्यटक आते हैं। ऐसे में उन्हें कुछ दुश्वरियां भी झेलनी पड़ती हैं। यह दुश्वरियां प्रशासनिक और पुलिस अमले के रूखे स्वभाव के कारण भी पैदा होती हैं,लेकिन इस वर्ष के आयोजन में इसकी गुंजाइश न के बराबर करने की रणनीति पर कार्य हो रहा है। सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को जनता की भावनाओं का पूरा सम्मान करने की हिदायत दी गयी है। आमजन के आवागमन, बैठने की समुचित व्यवस्था के साथ भीड़ नियंत्रण में लगे पुलिस बल का व्यवहार सरल और सहयोगी होने पर जोर दिया जा रहा है। (एएमएपी)