देश के पांच राज्‍यों में सम्‍पन्‍न हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के अब कुछ ही समय शेष बचा है। इस संबंध में चुनाव आयोग ने अपनी पूरी तैयारिया कर ली हैं। रविवार को चार राज्‍यों में सरकार बनाने के लिए पड़े वोटों की मतगणना होगी। दरअसल, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में नई सरकार बनने वाली है। इन पांच राज्यों की 675 विधानसभा सीटों के लिए मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। रविवार को सिर्फ चार राज्यों के 635 सीटों पर ही वोटों की गिनती इसलिए हो रही है, क्‍योंकि मिजोरम के उम्मीदवारों के फैसला अब 4 दिसंबर को होना है । अन्‍यथा तो पांचों राज्‍यों की यह वोट मत गणना एक साथ ही होनी थी।

राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं, मगर वहां कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के बाद 199 सीटों पर ही मतदान हुआ। इसलिए यहां पर इन सभी सीटों पर मतगणना होगी। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में मतगणना की तैयारियों को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश के 199 विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना 33 जिला मुख्यालयों के 36 केन्द्रों पर 3 दिसम्बर को सुबह 8 बजे से प्रारंभ होगी।  मतगणना के लिए 1121 एआरओ की ड्यूटी लगाई गई है ।  जयपुर, जोधपुर एवं नागौर में दो-दो केंद्रों पर और शेष 30 निर्वाचन जिलों में एक-एक केंद्र पर वोटों की गिनती की जाएगी।  मतगणना स्थल पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।  केवल अधिकृत पास-धारक व्यक्ति ही प्रवेश कर सकेंगे।  मतगणना सेंटर पर प्रत्येक विधानसभा के लिए पृथक-पृथक मतगणना हॉल बनाए गये है, जहां आयोग के निर्देशानुसार टेबलों की व्यवस्था पोस्टल बैलेट एवं ईवीएम की मतगणना के लिए की गई है।

उन्‍होंने बताया कि  मतगणना कर्मियों का रेण्डमाईजेशन त्रिस्तरीय होगा. प्रथम रेण्डमाईजेशन हो चुका है. द्वितीय स्तर का रेण्डमाईजेशन मतगणना के प्रारंभ से 24 घंटे पूर्व किया गया तथा तृतीय रेण्डमाईजेशन मतगणना के दिन सुबह 5 बजे होगा।  स्ट्रॉन्ग रूम से मतगणना हॉल तक मशीनें पहुंचने के लिए विधानसभा क्षेत्र वार पृथक-पृथक मार्ग/ रास्ता/ व्यवस्था निर्धारित की गई है, जिसका सीसीटीवी कवरेज होगा. इलेक्शन ऑब्जर्वर के अतिरिक्त किसी को भी मतगणना हॉल में मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं है।  केवल रिटर्निंग अधिकारी, सहायक रिटर्निंग अधिकारी और काउंटिंग सुपरवाईजर जो ईटीपीबीएमएस से जुड़े हैं, वह केवल ईटीपीबीएमएस सिस्टम ओपन करने के लिए ओटीपी हेतु मोबाइल ले जा सकेंगे तथा इसके पश्चात मोबाइल बंद कर प्रेक्षक, रिटर्निंग अधिकारी एवं सहायक रिटर्निंग अधिकारी के पास जमा कराएंगे।

मतगणना स्थल पर ट्रेंड-टीवी पर भी जारी होंगे रुझान

मुख्य निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि अधिकृत मीडियाकर्मियों के लिए मतगणना केन्द्र पर एक पृथक कक्ष में मीडिया सेन्टर बनाया गया है, जहां पर टेलिफोन, कम्प्यूटर एवं इंटरनेट आदि की सुविधा उपलब्ध रहेगी. मीडिया कर्मियों के लिए आयोग द्वारा प्राधिकार पत्र जारी किए गए हैं ।  मतगणना स्थल पर मीडियाकर्मियों को मतगणना के नवीनतम रूझान एवं परिणाम से अवगत कराने के लिए मीडिया सेंटर में बड़ी एलईडी स्क्रीन पर आयोग की आईटी एप्लिकेशन ट्रेंड-टीवी के माध्यम से प्रदर्शित करने की व्यवस्था की गयी है। इससे मीडियाकर्मियों को एक ही स्थान पर राज्य की सभी विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना के नवीनतम रूझान एवं परिणाम उपलब्ध होंगे।

मतगणना केंद्र पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने का कहना रहा है कि रिटर्निंग अधिकारी किसी भी राजनैतिक व्यक्ति, मंत्री या वरिष्ठ अधिकारी से निर्देश प्राप्त नहीं करेंगे और न ही किसी तरह से कोई पक्षपात करेंगे।  मतगणना स्थल में प्रवेश करने के लिए वैध प्राधिकार पत्र होने के बाद भी यदि आरओ को मतगणना हॉल में किसी व्यक्ति की उपस्थिति के बारे में उचित संदेह है, तो वह उसकी तलाशी ले सकता है।  सभी सीयू, वीवीपैट मशीनों और संबंधित दस्तावेजों को स्ट्रॉन्ग रूम से लेकर काउंटिंग हॉल तक और मतगणना पश्चात वापस स्ट्रॉन्ग रूम तक लाने-ले जाने की कार्यवाही की निर्बाध सीसीटीवी कवरेज सुनिश्चित की जाएगी।  इस अवधि की सीसीटीवी कवरेज उम्मीदवार अथवा उनके एजेंट मतगणना हॉल में टीवी/ मॉनिटर पर देख सकेंगे।  काउंटिंग हॉल में संपूर्ण मतगणना प्रक्रिया की 360 डिग्री सीसीटीवी कैमरा या वीडियोग्राफी से मय दिनांक और समय की मोहर के साथ कवरेज की जाएगी हालांकि, किसी भी परिस्थिति में, ईवीएम या मतपत्रों पर प्रदर्शित वास्तविक वोटों की वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट द्वारा धारा 144 दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के अनुसार मतगणना के पश्चात विजय जुलूस, हर्ष फायरिंग, डीजे वाहन का प्रयोग, वाहन रैली आदि जैसे आयोजनों पर रोक रहेगी।

मध्‍यप्रदेश में कुछ इस तरह के हैं सुरक्षा इंतजाम एवं मतगणना व्‍यवस्‍था

राज्य के सभी 52 जिला मुख्यालयों पर कल सुबह आठ बजे से मतगणना शुरु होगी। मतगणना के हर राउंड के परिणाम प्रदर्शित किए जाएंगे। सुबह आठ बजे से पोस्टल बैलेट की गिनती शुरु होगी, उसके आधे घंटे बाद ईवीएम में दर्ज मतों की गणना होगी। पोस्टल बैलेट की गणना समाप्त होने के बाद हर उम्मीदवार को मिले डाक मतों की घोषणा की जाएगी। मतगणना के पूर्व राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने संवाददाताओं को बताया कि ईवीएम के मतों की गणना के लिए चार हजार 369 टेबल एवं पोस्टल बैलेट की मतगणना के लिए 692 टेबल लगाए गए हैं। पूरी मतगणना की प्रक्रिया का सीसीटीवी कवरेज होगा। स्ट्रांग रूम से मतगणना स्थल तक ईवीएम मशीनें लाने के लिए विधानसभा क्षेत्रवार अलग-अलग रास्ता निर्धारित किया गया है। उन्‍होंने  बताया कि मतगणना कर्मियों का रेंडमाइजेशन 3 स्तर पर होगा। प्रथम स्तर का रेंडमाइजेशन हो चुका है, द्वितीय स्तर का रेंडमाइजेशन मतगणना के प्रारंभ होने के 24 घंटे पूर्व होगा तथा तृतीय रेंडमाइजेशन मतगणना के दिन सुबह 5 बजे होगा। इस बार राज्य में कुल 77.82 फीसदी मतदान हुआ है जो 2018 विधानसभा चुनाव में हुए 75.63 फीसदी मतदान से 2.19 फीसदी अधिक है। मतगणना के परिणाम भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट रिजल्ट्स डॉट ईसीआई डॉट जीओवी डॉट इन और वोटर हेल्पलाइन ऐप के माध्यम से देखे जा सकेंगे। मतगणना के परिणाम सीईओमध्यप्रदेश डॉट एनआईसी डॉट इन पर प्रदर्शित किए जाएंगे।

राज्य की सभी 230 सीटों पर 17 नवंबर को एक साथ मतदान हुआ

राज्य में सोलहवीं विधानसभा के गठन के लिए हो रहे चुनाव में कुल दो हजार 533 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें दो हजार 280 पुरुष, 252 महिलाएं और एक अन्य (थर्ड जेंडर) प्रत्याशी शामिल हैं। मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान बुधनी से, पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ छिंदवाड़ा से और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दिमनी से, प्रहलाद पटेल नरसिंहपुर से और फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला जिले के निवास से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके अलावा भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर एक क्षेत्र से तथा चार सांसद, राज्य सरकार के दो दर्जन से अधिक मंत्री और अन्य प्रमुख नेताओं की किस्मत भी मतदान के बाद ईवीएम में कैद हो गयी।

छत्‍तीसगढ़ का ये है हाल, मतगणना का दौर इस प्रकार होगा पूरा

राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने प्रेस कान्फ्रेन्स के माध्‍यम से बताया कि 90 विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना हेतु 90 रिटर्निंग अधिकारी 416 सहायक रिटर्निंग अधिकारी,4596 गणनाकर्मी एवं 1698 माईक्रो आब्जर्वर नियुक्त किए गए है।इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने 90 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 90 काउटिंग आब्जर्वर नियुक्त किए गए है।उन्होने बताया कि मतगणना स्थलों पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है,जहां प्रत्येक स्तर पर पहचान पत्रों की जांच के उपरान्त ही प्रवेश मिलेगा।पहले और बाहरी स्तर पर राज्य पुलिस तथा भीतरी स्तर पर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान तैनात रहेंगे।

उन्‍होंने बताया कि आयोग के निर्देशानुसार केन्द्र तथा राज्यों के मंत्री ,नगर निगम के मेयर,नगरपालिका एवं नगर पंचायतों के अध्यक्ष,जिला एवं जनपद पंचायत के अध्यक्ष एवं अन्य सुरक्षा प्राप्त कर्मियों की गणना अभिकर्ता के रूप में नियुक्त करने की अऩुमति नही होंगी।मतगणना एवं सारणीकरण की सभी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होंगी। मतगणना हाल में सबसे पहले डाक मतपत्रों की गणना की जायेगी,उसके 30 मिनट बाद साढ़े आठ बजे से ईवीएम में दर्ज वोट की गणना शुरू की जायेंगी।ईवीएम में दर्ज मतों की प्रत्येक चरण में 14 टेबल पर गणना होगी।छह विधानसभा क्षेत्रों पंडरिया,कवर्धा,सारंगढ़,बिलाई गढ़,कसडोल एवं भरतपुर-सोनहत में 21 टेबलों पर गणना की अनुमति प्रदान की गई है।उन्होने बताया कि प्रत्येक मतगणना केन्द्र पर मीडिया केन्द्र स्थापित किया जायेंगा।

राज्य में 90 सीटों पर दो चरणों में विधानसभा चुनाव क्रमशः सात एवं 17 नवम्बर को हुए थे।राष्ट्रीय एवं राज्य के मान्यता प्राप्त दलों,पंजीकृत दलों समेत कुल 1181 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है।मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस एवं मुख्य विपक्षी दल भाजपा के बीच है। एक्जिट पोल के नतीजों से दोने ही दल परिणामों को अपने अपने पक्ष में मानते हुए उत्साहित है। आपको बतादें कि पिछले विधानसभा चुनावों में क्षेत्रीय दल जनता कांग्रेस एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा)ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था और तीसरे दल के रूप में अपनी ताकत दिखाई थी लेकिन इस बार दोनो ही दल अलग अलग चुनाव मैदान में है।इनके अलावा आम आदमी पार्टी,कम्युनिस्ट पार्टी ने भी उम्मीदवार उतारे है।

इस बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्वाचन क्षेत्र पाटन,उप मुख्यमंत्री टी.एस.सिंहदेव के क्षेत्र अम्बिकापुर,भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह के क्षेत्र राजनांदगांव,केन्द्रीय मंत्री रेणुका चौधरी के क्षेत्र भरतपुर-सोनहत,भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव के चुनाव क्षेत्र लोरमी,विधानसभा अध्यक्ष डा.चरणदास महंत के चुनाव क्षेत्र सक्ती,नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के क्षेत्र जांजगीर चापा के परिणाम पर लोगो की विशेष नजर रहेंगी।

तेलंगाना विधानसभा की 119 पर होगी मतगणना

राजस्‍थान, मध्‍यप्रदेश, छत्‍तीसगढ़ की तरह ही तेलंगाना विधानसभा की 119 सीटों पर हुये चुनाव के लिये रविवार को होने वाली मतगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। केन्द्रों पर कड़े सुरक्षा प्रबन्धों के बीच सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होंगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) विकास राज ने मीडिया को बताया कि कल सबसे पहले सुबह आठ बजे डाक मतपत्रों से गिनती शुरू होगी और साढ़े आठ बजे से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में पड़े वोटों की गिनती की जायेगी।

https://apkaakhbar.in/bansi-kauls-book-rang-vidushak-a-mask-without-a-mask-launched-bansi-kaul-was-the-showman-of-theatre-dr-sachchidanand-joshi/

श्री राज ने कहा कि छह निर्वाचन क्षेत्रों को छोड़कर, जहां मतदान केंद्रों की संख्या 500 से अधिक है, प्रत्येक मतगणना केंद्र में 14 मतगणना टेबल होंगी। मतगणना की सभी तैयारियां शनिवार शाम तक पूरी कर ली गई हैं। वोटों की गिनती के लिए 49 इलाकों में मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। मतगणना केंद्रों पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था स्थापित की गई है। स्ट्रांगरूम पर कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की गयी है।तेलंगाना विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती की प्रक्रिया सुबह 8 बजे डाक मतों की गिनती के साथ शुरू होगी। 8.30 बजे से ईवीएम की गिनती शुरू होगी। चुनाव आयोग के अनुसार प्रत्येक मतगणना टेबल पर चार चुनाव कर्मचारी तैनात रहेंगे। इसके अलावा, चुनाव अधिकारियों ने गिनती के लिए कुल 1,766 टेबलें लगाई हैं।

हैदराबाद जिले में 14 परिसरों में 15 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतगणना केंद्र स्थापित किए गए हैं। जीएचएमसी (हैदराबाद नगर निगम) के तहत 500 से अधिक मतदान केंद्रों वाले छह निर्वाचन क्षेत्रों में 28 टेबल और शेष निर्वाचन क्षेत्रों में 14 टेबल स्थापित की गई हैं। डाक मतपत्रों की गिनती के लिए प्रति 500 मतों पर एक टेबल विशेष रूप से लगाई गई है।तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक अंजनी कुमार ने पुलिसकर्मियों को मतगणना के दौरान पूरी सावधानी बरतने के निर्देश दिए। डीजीपी ने आज हैदराबाद से पुलिस आयुक्त और एसपी के साथ टेलीकांफ्रेंस कर मतगणना केंद्रों पर व्यवस्था की समीक्षा की। अंजनी कुमार ने सुझाव दिया कि मतगणना केंद्रों के बाहर कड़ी निगरानी होनी चाहिए और केंद्रों के अंदर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। अंतिम चरण में अधिक सतर्कता की जरूरत बताई। अंजनी कुमार ने सीपी और एसपी को अधिक सतर्क रहने और यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि इस दौरान कानून-व्यवस्था की कोई समस्या उत्पन्न न हो। (एएमएपी)