ज्योतिषाचार्य पं. विनोद गौतम
31 जनवरी रात्रि 12 बजे 2024 ईश्वी का उदय कन्या लग्न में होगा। लग्न में केतु वृश्चिक राशि में बुध-शनि, धनु राशि के सूर्य मंगल, कुंभ राशि पर शनि, मीन राशि पर राहु, मेष राशि पर गुरु एवं सिंह राशि पर चंद्रमा विराजमान रहेंगे। उपरोक्त ग्रह स्थिति की विवेचना के फलस्वरूप नवसंव त्सर का उदय 8 अप्रैल 2024 को 12 बजकर 10 मिनट पर धनु लग्न में हो रहा है। कालयुक्त नामक संवत्सर में राजा का पद मंगल को एवं मंत्री का पद शनि को प्राप्त है। दशाधिकारों में इस वर्ष 7 विभाग क्रूर ग्रहों के पास और 3 विभाग शुभ ग्रहों को प्राप्त हैं। मंगल शनि की नैसर्गिक शत्रुता है अत: शासकों के मध्य सामंजस्य की कमी रहेगी। परन्तु मंगल और शनि कड़ और क्रूर ग्रह होने से इस वर्ष शासन-प्रशासन में कड़ाई देखने को मिलेगी। वर्ष कुंडली में मंगल, शनि से तीसरे भाव में बैठा है जिसके प्रभाव से देश में शासन व्यवस्था में एकरूपता आएगी।
वर्ष कुंडली में लग्नेश गुरु पंचम भाव में सूर्य के साथ बैठा है जिस पर शनि की दृष्टि है इसके प्रभाव से संगीत चित्रकला, जादू में माहिर लोगों को विशेष लाभ मिलेगा एवं युद्ध कर रहे राष्ट्र संघर्ष से बाहर निकल सकते हैं। ग्रह स्थिति के अनुसार पाकिस्तान में आपदा आ सकती है। वर्ष के पूर्वार्ध में मंगल के प्रभाव से कश्मीर में हिंसक प्रदर्शन हो सकता है। कोरोना महामारी नए रूप में मानव जाति को पीड़ा पहुंचाएगी। विश्व के कई देशों में अशांति की संभावना है। दक्षिण अफ्रीला में अकाल की स्थिति बन सकती है। वर्ष 2024 के प्रारंभ में पंजाब में तनाब बढ़ेगा, भारतीय सैनिकों का चीन के साथ तनातनी संघर्ष हो सकती है।
इस वर्ष केंद्र सरकार घरेलू मुद्दों को हल करेगी। मंगल के कुप्रभाव से राष्ट्रीयस्तर के दो व्यक्तियों पर हमला हो सकता है। वर्ष कुंडली के पंचम में बुध और गुरु के कारण देश के वैदिक विरासत पर जोर देने के साथ पाठ्यक्रम में बदलाव की संभावना भी है। शनि की तीसरी दृष्टि शुभ नहीं है। चौथे भाव का स्वामी गुरु, पंचम भाव में रियल स्टेट के क्षेत्र में तरक्की कराएगा। चुनाव में इस वर्ष राष्ट्रीय मोर्चा बनाने का प्रयास विफल होगा। 2024 दो प्रमुख रेल दुर्घटनाओं का गवाह बनेगा। किसी बड़े धार्मिक गुरु को कानूनी समस्या का सामना करना पड़ेगा। केतु के कारण संक्रमण का प्रभाव बढ़ सकता है। इस वर्ष पृथ्वी 3 सूर्य ग्रहण तथा दो चंद्रग्रहण कुल पांच ग्रहण होंगे। इनमें से कोई भी ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। परन्तु इसका प्रभाव संपूर्ण पृथ्वी पर पड़ेगा।
जनवरी
इस माह सूर्य मंगल की युति एवं मंगल बुध का योग तथा स्वराशि का शनि कई राज्यों में अशांति, तनाव निर्मित करेगा। जिससे सत्ता पक्ष को परेशानी होगी। रोगकारक प्रभाव के कारण हृदयघात रक्तचाप के मामले बढ़ेंगे। यान-खान-रेल दुर्घटना के योग हैं। असमय बारिश कोहरा तथा बिजली से हानि होगी। अनाज के भाव में सामान्य घटा-बढ़ी के साथ शेयर, धातु आदि में सामान्य घटा-बढ़ी के प्रभाव बने रहेंगे। इस माह वक्री बुध 2 जनवरी को मार्गी होंगे। गुरु शुक्र तारा पूर्व दिशा में उदित रहेंगे। ता. 25 को गुरु पुष्य नक्षत्र खरीददारी का महामुहूर्त रहेगा। इस माह 16 जनवरी से विवाह प्रारंभ होंगे। इस माह मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा।
फरवरी
इस माह चतुर्ग्रही योग का प्रभाव एवं उच्चस्थ मंगल पश्चिमी राष्ट्रों में अशांति का वातावरण निर्मित करेगा। विश्व के पश्चिमी भूभाग में रोग-वृद्धि एवं प्राकृतिक आपदा से प्रजा में भय व्याप्त होगा। शेयर बाजार में तेजी, इमारती सामान में महंगाई, हिमपात एवं ओलावृष्टि से हानि तथा कुछ राजनेताओं को संकट का सामना करना पड़ सकता है। इस माह राजनैतिक गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलेगा। मकर राशि में चतुर्ग्रही योग देश-दुनिया में अशांति कारक है। गुरु शुक्र तारा पूर्व दिशा में उदित रहेगा। सूर्य बुध शुक्र का राशि परिवर्तन होगा। पूरे माह मांगलिक कृत्य होंगे। खरीदारी का गुरु पुष्य योग 22 तारीख को होगा। इस माह 14 फरवरी को बसंत पंचमी एवं 16 फरवरी नर्मदा प्रकटोत्सव तथा 18 फरवरी से गुप्त नवरात्रि प्रारंभ होगा।
मार्च
इस माह कुंभ राशि पर सूर्य-बुध एवं शनि तथा मीन राशि पर सूर्य-बुध-राहु का त्रिग्रही योग का प्रभाव रहेगा। जिससे पूर्व दक्षिण के प्रांतों में धार्मिक सांप्रदायिक उपद्रव्य से जनधन की हानि हो सकती है। मंगल शनि की युति से राजनीतिक दलों को संघर्ष करना पड़ सकता है। यान दुर्घटना एवं प्राकृतिक प्रकोप से जन-धन की हानि हो सकती है। विशिष्ठ व्यक्ति का देहावसान संभव है। धार्मिक वाद-विवाद बढ़ेगा, किसी बड़ी साजिश का भंडाफोड़ होगा, आरोप-प्रत्यारोप का दौर बढ़ेगा।, संक्रामक रोग से हानि, अनेक क्षेत्रों में वर्षा, आंधी-तूफान संभव है। इस माह खग्रास चंद्रग्रहण 14 मार्च होगा यह भारत में नहीं दिखाई देगा। इस महिने खंडग्रास सूर्यग्रहण भी विदेशों में होगा। गुरु शुक्र तारा पूर्व दिशा में उदित रहेंगे। सूर्य मंगल बुध शुक्र का राशि परिवर्तन होगा। इस माह 8 मार्च को महाशिवरात्रि एवं 24 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। 29 मार्च को गुड फ्रायडे रहेगा।
अप्रैल
इस माह मीन राशि में चतुग्र्रही योग का प्रभाव रहेगा। एक राशि में 4-5 ग्रहों का जमावड़ा शुभ नहीं होता। सूर्य, चंद्र, राहु-शुक्र का ग्रहण दोष एवं मंगल शनि की युति का प्रभाव अशांति कारक है। गुरु बुध की युति धार्मिक उन्माद बढ़ाएगी। राजनेताओं के आरोप-प्रत्यारोप से सामाजिकता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। शेयर धातु एवं खाद्यान्नों के प्रभाव सामान्य रहेंगे। प्राकृतिक प्रकोप एवं गर्मी के प्रकोप का प्रभाव परिलक्षित होगा। इस माह 8 अप्रैल को विदेशों में खग्रास सूर्य ग्रहण होगा। इस माह सूर्य मंगल बुध शुक्र राशि परिवर्तन करेंगे। बुध वक्री मार्गी स्थिति में होगे। 8 अप्रैल को सोमवती अमावस्या का संयोग रहेगा। इस माह ता. 23 को शुक्र अस्त होने से विवाह आदि मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे।
मई
इस माह सूर्य गुरु शुक्र का त्रिग्रही योग तथा मंगल राहु की युति का प्रभाव अशांति एवं तटीय क्षेत्रों में तनाव की स्थिति निर्मित कर सकता है। देश में सत्ता-संघर्ष के साथ आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहेगा। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बदलाव देखने को मिलेंगे। सभी खाद्य पदार्थों में तेजी के साथ शेयर सोना, चांदी आदि गोता लगाकर सुधरते नजर आएंगे। वाहन दुर्घटनाओं में वृद्धि का संकेत ग्रह दे रहे हैं। इस माह सूर्य बुध गुरु शुक्र का राशि परिवर्तन होगा। ता. 6 को गुरु भी अस्त हो जाएंगे। अत: इस माह विवाह आदि मांगलिक कृत्य नहीं होंगे। ता. 10 को अक्षय तृतीया एवं ता. 12 को आदि शंकराचार्य जी की जयंती मनाई जाएगी।
जून
इस माह वृष राशि पर सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र का चतुग्र्रही योग का प्रभाव परिलक्षित होगा। जिससे देश-विदेश में उपद्रव्य अशांति एवं तनाव की स्थितियां उत्पन्न होने की संभावना है। मंगल पर शनि की दृष्टि उत्तरी प्रांतों में प्राकृतिक आपदा एवं पवर्तीय क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर सकती है। यह ग्रह डीजल-पेट्रोलं के दामों में तेजी लाने के संकेत दे रहा है। शुक्र शनि के नव पंचम प्रभाव से देश के विरुद्ध का सामाना करना पड़ सकता है। इधर बुध राहु एवं शनि बुद्ध का षडास्टक योग प्राकृतिक आपदा भूकंप की स्थिति बना रहा है। पूर्वी गोलार्ध में युद्धादि की संभावना निर्मित हो रही है। इस माह सूर्य मंगल बुध शुक्र राशि परिर्तन करेंगे। शनि 30 जून को वक्री होंगे। रवि पुष्य योंग भी ता. 9 को रहेगा। इस माह ता. 16 को गंगा दशहरा ता. 29 को ज्योतिष महर्षि पं. अयोध्या प्रसाद गौतम की पुण्यतिथि मनाई जाएगी। ता. 2 को गुरु पूर्व में उदित होंगे। शुक्र ता. 30 को पश्चिम में उदित होंगे।
जुलाई
इस माह शुरुआत में सूर्य शुक्र की युति का प्रभाव केंद्रीय सत्ता में वाद-विवाद की स्थिति बनाएगा। जिसका असर प्रादेशिक सत्ता पक्ष पर भी हो सकता है। इस माह पांच ग्रहों का प्रभाव पश्चिमी राष्ट्रों में हानि, उपद्रव, भय के संकेत देता है। कहीं-कहीं अग्निकांड प्रभाव हिंसाकारी रहेगा। पूर्वोत्तर राज्यों में प्राकृतिक प्रकोप बाढ़ की स्थिति निर्मित होगी। किसानों हेतु कठिन परिस्थिति बन सकती है। अत्यधिक वर्षा से जनधन की हानि संभव है। इस माह सूर्य मंगल बुध शुक्र ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे। गुरु शुक्र अस्त के रुके हुए विवाह मुहूर्त प्रारंभ होंगे। गुरु शुक्र उदित रहेंगे। इस माह ता . 17 को देवशनी एकादशी का पर्व मनाया जाएगा।
अगस्त
इस माह बुध का बार-बार परिवर्तनकारी प्रभाव एवं शनि का वक्री प्रभाव तथा सिंह राशि पर सूर्य बुध शुक्र का त्रिग्रही योग देश दुनिया को प्रभावित करेगा। देश में खाद्य पदार्थों एवं जरूरी वस्तुओं की किल्लत हो सकती है। इनके दाम भी बढ़ सकते हैं। शनि का वक्री का प्रभाव न्यायालयीन कसावट के साथ राजनैतिक दलों को शिकंजे में लेगा। वहीं सिंह पर त्रिग्रही योग राजा के लिए संकटकाल की स्थिति देता है। खेल ग्रह मंगल का प्रभाव राष्ट्रहित में विश्व स्तर पर सफलताकारी सिद्ध होगा। इस माह सूर्य मंगल बुध शुक्र राशि परितर्वन करेंगे। बुध शनि वक्री रहेंगे। रवि पुष्य योग खरीददारी के लिए ता. 4 को सूर्योदय से प्रारंभ होंगा। चतुर्मास के कारण विवाह आदि मुहूर्तों का अभाव रहेगा। इस माह रक्षाबंधन ता. 19 एवं कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त को होगी।
सितंबर
इस माह सूर्य शुक्र केतु का त्रिग्रही योग तथा वृष राशि का गुरु केंद्र सरकार एवं कुछ राज्य सरकारों के बीच संघर्ष निर्मित कर सकता है। मिथुन राशि पर मंगल का प्रभाव वर्षा, बाढ़ से जनजीवन प्रभावित करेगा। सूर्य बुध से राहु का षडाष्टक योग देश के महान राजनैतिक व्यक्तियों के लिए कष्टप्रद है। माह के अंत में चतुग्र्रही योग का प्रभाव भौमांतरिक्ष उपद्रव्य तथा जनसंघर्ष की स्थितियां निर्मित करेगा। मीन राशि पर राहु धार्मिक स्थलों को क्षति पहुंचा सकता है, अत: सावधानी की आवश्यकता है। इस माह सूर्य बुध शुक्र का राशि परिवर्तन होगा। शनि कुंभ में वक्री चाल चलेंगे। गुरु शुक्र तारा उदित रहेंगे। परन्तु चतुर्मास के कारण विवाह नहीं होंगे। इस माह सोमवती अमावस्या को योग 2 सितंबर एवं हरतालिका तीज का त्योहार 6 सितंबर को होगा। 18 सितंबर से पितृ पक्ष प्रारंभ होंगे।
अक्टूबर
इस माह कन्या राशि में सूर्य चंद्र बुध केतु का चतुग्र्रही योग देश-दुनिया को प्रभावित करेगा। इस योग के प्रभाव से अशांति तनाव एवं युद्धादि जैसी स्थितियां निर्मित हो सकती हैं। गुरु शुक्र का राशि परिवर्तन सामाजिक सौहाद्रता बिगाड़ सकता है। राहु एवं मंगल का दशम चतुर्थ संबंध पश्चिम देशों के राष्ट्रों को संकट में डाल सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा से जनजीवन प्रभावित होगा। पूर्वोत्तर भागों में तूफान से जनधन की हानि संभव है। उत्तरी क्षेत्रों में तापमान में गिरावट आएगी। इस माह खग्रास सूर्य ग्रहण होगा यह विदेशों में दिखाई देगा। इस माह सूर्य मंगल बुध शुक्र का राशि परिवर्तन होगा। गुरु वृष राशि में वक्री होंगे, शनि कुंभ में वक्री चाल रहे होंगे। खरीदारी का गुरु पुष्य योग ता. 24 को रहेगा। ता. 20 अक्टूबर को करवाचौथ में ता. 31 को दीपावली का पर्व होगा। 3 अक्टूबर से नवरात्र प्रारंभ होंगे। विजयी दशमी 12 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
नवंबर
इस माह कर्क का मंगल एवं स्वराशि का शनि तथा वृश्चिक राशि में शुक्र बुध की युति का प्रभाव कुछ देशों में युद्ध का भय दे रहा है। शनि मंगल का षडाष्क योग सैन्य टकराव को बढ़ाने वाला रहेगा। मौसम जनसंक्रमण रोग से परेशानी होगी। तेल ईंधन के मूल्यों में वृद्धि हो सकती है। ग्रह स्थिति के अनुसार मौसम में परिवर्तन के साथ ठंडक बढ़ेगी। सूर्य पर मंगल की दृष्टि से आकाशीय बिजली से जनधन की हानि संभव है। मंगल का प्रभाव केंद्रीय मंत्रिमंडल में आंशिक बदलाव करा सकता है। इस माह खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा जो विदेशों में दिखाई देगा। इस माह सूर्य बुध शुक्र का राशि परिवर्तन होगा। गुरु वृष में वक्री चाल चलेंगे वहीं शनि कुंभ राशि में ता. 16 को मार्गी हो जाएंगे। गुरु शुक्र तारा उदित हरोंगे। देवउठनी ग्यारस 12 नवंबर को होने से विवाह आदि के मांगलिक मुहूर्त प्रारंभ हो जाएंगे। ता. 12 को गुरु नानक जयंती मनाई जाएगी। ता. 21 को गुरु पुष्य नक्षत्र सूर्योदय से प्रारंभ होगा।
दिसंबर
इस माह वृश्चिक राशि में सूर्य बुध चंद्र का त्रिग्रही योग तथा मीन राशि पर राहु का प्रभाव सरकार द्वारा शांति के प्रयास भंग होंगे। बजट आदि से संबंधित असहयोग अस्थिरता दिखाई देगी। शनि राहु की परस्पर दृष्टि से भारत के दक्षिणी प्रांतों में आपसी मतभिन्नता दिखेगी। किसी राष्ट्र में भूकंप आदि उत्पात की संभावना रहेगी। सूर्य बुध पर सूर्य राहु की दृष्टि से फसलों को हानि होगी। कई स्थानों पर वर्षा-धुंध का योग है। इस माह सूर्य मंगल बुध शुक्र का राशि परिवर्तन होगा। गुरु वक्री चाल में रहेंगे। गीता जयंती ता. 11 दिसंबर को होगी। 16 दिसंबर को खरमास प्रारंभ होगा।
(लेखक ज्योतिष मठ संस्थान, भोपाल के संचालक हैं)