ईरान की तरफ से पाकिस्तान में किए गए ड्रोन व मिसाइल हमले और दोनों देशों के बीच जारी राजनयिक तनातनी के बीच पाकिस्तान ने दावा किया है कि वायुसेना ने ईरान की सीमा में घुस कर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। ये ठिकाने पाकिस्तान में वांछित बलोच विद्रोहियों के थे। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के मुताबिक पाकिस्तान ने ईरान के सिएस्तान-ओ-बलूचिस्तान प्रांत में छिपे आतंकियों के ठिकानों पर सटीक लक्षित हमलों की श्रृंखला शुरू की। इस कार्रवाई में कई आतंकी मारे गए। खुफिया सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई।

एयर स्ट्राइक के बाद पाक की जवाबी कार्रवाई

पाकिस्तान का यह कदम ईरानी की तरफ से 16 जनवरी को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में किए गए एयर स्ट्राइक के बाद आया है जिसमें ईरान की वायुसेना ने पाकिस्तान की सीमा में बने आतंकी संगठन जैश-अल-अदल के दो ठिकानों पर हमला किया था। पाकिस्तान ने इसे अस्वीकार्य बताते हुए कड़ी नाराजगी जताई थी। पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने चेतावनी दी कि एकतरफा कार्रवाई से क्षेत्रीय शांति खतरे में पड़ सकती है। इस उकसावे वाली कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई का अधिकार मिल गया है।

दोनों देशों के बिगड़े संबंध

पूरे मामले को लेकर दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया है। पाकिस्तान ने ईरान के राजदूत को निष्कासित कर दिया। साथ ही ईरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है। भारत ने ईरान का समर्थन करते हुए बुधवार को कहा था कि यह ईरान-पाकिस्तान के बीच का मामला है। भारत आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति पर चल रहा है। हम आत्मरक्षा में दूसरे देशों की ओर से उठाए जाने वाले ऐसे कदमों को समक्ष सकते हैं।

ईरान ने की थी पाकिस्तान में एयरस्ट्राइक

इससे पहले पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर की गई ईरान की एयरस्ट्राइक में दो बच्चों की मौत हो गई थी जबकि तीन अन्य घायल हो गए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने ‘अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन’ की कड़ी निंदा करते हुए ईरान के प्रभारी राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब किया था। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने बयान जारी कर कहा कि ईरान का यह कृत्य उसके ‘हवाई क्षेत्र का अकारण उल्लंघन’ है। इसके बाद पाक समर्थित आतंकी संगठन ने एक ईरानी सैन्य अफसर की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

पाकिस्तान के आरोप

पाकिस्तान का दावा है कि बलूचिस्तान लिबरेशन फ़्रंट और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ईरान में रहकर पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रचते हैं और हमले करते हैं और ईरान ऐसे संगठनों को आश्रय देकर उनकी मदद करता है। वहीं ईरान ऐसे दावों का हमेशा खंडन करता आया है।

कांग्रेस की न्याय यात्रा से ममता का किनारा, तृणमूल ने शामिल होने से किया इनकार

बलूच करते हैं पाकिस्तान का विरोध

दरअसल उत्तर में बलूचिस्तान की सीमा अफगानिस्तान तथा पश्चिम में ईरान से सटी हुई है। बलूचिस्तान हमेशा से ही खनिज संसंधानों से संपन्न प्रांत रहा है। बलूच हमेशा पाकिस्तान से अपनी आजादी की मांग करते रहे हैं और अपने इलाके से महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों को निकालने का विरोध करते हैं। पहले यहां पाकिस्तान खनिज संसाधनों का दोहन करता था और बाद में उसने चीन को इसकी अनुमति दे दी, तब से बलूच नागरिकों का विरोध और बढ़ गया है। इसी विरोध के चलते बीएलए और बीएलएफ जैसे संगठन पाकिस्तानी सैन्य बलों तथा चीनी सैनिकों को निशाना बनाते रहे हैं।(एएमएपी)