राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और सीमावर्ती राज्यों के शहर जबरदस्त शीतलहर की चपेट में हैं। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में बुधवार सुबह घना कोहरा छाया रहा। सुबह साढ़े चार बजे से छह बजे के बीच विजिबिलिटी न के बराबर रही। राजधानी दिल्ली के धौला कुआं, कर्तव्य पथ, लाल किला क्षेत्र के अलावा नोएडा और गुरुग्राम के साइबर सिटी क्षेत्र कोहरे में डूबे रहे।

पिछले कुछ वर्षों की तुलना में कहीं अधिक प्रदूषित हवा

इस साल 2024 की जनवरी में दिल्लीवासियों ने कड़ाके की सर्दी ही नहीं झेली, पिछले कुछ वर्षों की तुलना में कहीं अधिक प्रदूषित हवा में भी सांस ली। न केवल ”बहुत खराब” श्रेणी के एयर इंडेक्स वाले दिन बढ़ गए बल्कि एक भी दिन ”मध्यम” और ”संतोषजनक” श्रेणी की हवा नहीं मिली। महीने का औसत एयर इंडेक्स भी जनवरी 2016 के बाद सबसे ज्यादा दर्ज किया गया।

दो दिन दिल्ली का एक्यूआई 400 से ऊपर

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक इस साल जनवरी में दो दिन दिल्ली का एक्यूआई 400 से ऊपर यानी ”गंभीर” श्रेणी में रहा। 27 दिन 300 से 400 के बीच यानी ”बहुत खराब” जबकि एक दिन 200 से 300 के बीच यानी ”खराब” श्रेणी में दर्ज हुआ। किसी भी दिन एयर इंडेक्स 200 से नीचे नहीं गया। बोर्ड ने मई 2015 से एयर इंडेक्स मापना शुरू किया था, तब से अब तक इस साल दूसरी सबसे प्रदूषित जनवरी रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, मंगलवार को दिल्ली का एक्यूआई समग्र तौर पर 357 रहा। इस स्तर की हवा को ”बहुत खराब” श्रेणी में रखा जाता है। सोमवार को यह 356 था।

13 वर्षों में सबसे कम रहा तापमान

एक खास बात यह है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस महीने 30 जनवरी तक औसत अधिकतम तापमान 17.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 13 वर्षों में सबसे कम है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में औसत न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 13 वर्षों में दूसरी बार सबसे कम रहा। दिल्ली के कुछ हिस्सों में कल (मंगलवार) सुबह कोहरा छाया रहा और सफदरजंग वेधशाला ने न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता 100 प्रतिशत दर्ज की गई। कोहरे की वजह से सड़क, रेल और हवाई यातायात पर भी बड़ा असर पड़ा है।(एएमएपी)