पश्चिम बंगाल के संदेशखाली कांड के मुख्य आरोपी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शाहजहां शेख को पार्टी ने छह साल के लिए निलंबित कर दिया है। वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने इस मामले को सीआईडीको सौंप दिया है। बता दें गुरुवार को शाहजहां को गिरफ्तार कर बशीरहाट से भवानी भवन ले जाया गया। जहां कोर्ट ने शाहजहां को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। राज्य पुलिस भवानी भवन में ही शाहजहां से पूछताछ करेगी। टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी से पहले वह ममता सरकार के संरक्षण में एक सुरक्षित घर में थे। अब, उन्हें ईडी और सीबीआई की गिरफ्तारी से बचने के लिए पश्चिम बंगाल के ‘मेहमान-नवाज़ी’ के तहत रखा गया है।

भाजपा ने लगाया ये आरोप

भाजपा सांसद और प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने आज कहा कि शाहजहां शेख महफूज ठिकाने पर ममता सरकार की दामन-ए-रहमत में महफूज था। अब उसे दोबारा हिफाजत देने के लिए ताकि उसे ईडी और सीबीआई द्वारा गिरफ्तार न किया जा सके, इसलिए पश्चिम बंगाल पुलिस की मेहमाननवाजी में चला गया है। मेहमाननवाजी इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि गिरफ्तारी के दौरान शाहजहां शेख की जो बॉडी लैंग्वेज थी, वह किसी गुनहगार की नहीं लग रही थी। एजेंसियों की 56 दिनों की तलाश के बाद आखिरकार शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया गया है।

शाहजहां शेख को ईडी को सौंपना चाहिए : सुधांशु त्रिवेदी

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि शाहजहां शेख की गिरफ़्तारी के समय उसकी शारीरिक भाषा का विश्लेषण करें और ध्यान दें कि वह कितनी निडरता से चल रहा था। सवाल उठता है कि क्या किसी जघन्य अपराध का आरोपित इस तरह चलने की हिम्मत करेगा ? ममता बनर्जी ने पहले सदन में उनका बचाव किया और अब उन्हें पुलिस सुरक्षा प्राप्त है। उन्होंने मीडिया को जो विक्ट्री साइन दिखाया, उसका मतलब क्या था? उन्होंने कहा कि चिंता की बात यह है कि उनकी गिरफ्तारी वारंट में महिलाओं के खिलाफ अपराध का कोई जिक्र नहीं किया गया है। यह भी स्पष्ट है कि बंगाल सरकार के रुख का संदेशखाली की घटनाओं से कोई संबंध नहीं है। अगर उन्हें ईडी से जुड़े मामलों में गिरफ्तार किया गया है तो बंगाल सरकार उन्हें ईडी को क्यों नहीं सौंपती?

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डीएमके पर बोला हमला

डीएमके पर हमला बोलते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि डीएमके वह सरकार, जिसके नेताओं ने एक सम्मेलन आयोजित किया और ‘सनातन धर्म के उन्मूलन’ के बारे में बात की, अब हमारे रॉकेट पर चीन के झंडे के साथ एक विज्ञापन का उपयोग करके भारत की उपलब्धियों को कम कर रही है। डीएमके नेताओं ने न तो इसकी निंदा की है और न ही लोगों से माफ़ी मांगी है।(एएमएपी)