आखिरकार पाकिस्‍तान में प्रधानमंत्री का चुनाव हो गया है। लगातार दूसरी बार शहबाज शरीफ को पाकिस्तान के 24वें प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया है। प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए नेशनल असेंबली में वोटिंग हुई। नेशनल असेंबली के स्पीकर अयाज सादिक ने वोटों का रिकॉर्ड पेश किया। अयाज सादिक ने नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि शहबाज शरीफ 201 वोट पाकर दूसरी बार प्रधानमंत्री चुने गए हैं। पंजाब के तीन बार मुख्यमंत्री रहे शहबाज शरीफ साल 2022 में पहली बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने। प्रधानमंत्री के तौर पर उनका पहला कार्यकाल सिर्फ 16 महीने तक ही सीमित
रहा।

लगातार दूसरी बार बने प्रधानमंत्री

अगस्त 2023 में अपनी सरकार का कार्यकाल पूरा होने पर शाहबाज शरीफ ने दावा किया था कि उन्होंने  पाकिस्तान को डिफॉल्ट से बचाया। उन्होंने कहा कि जिन परिस्थितियों में उन्हें अर्थव्यवस्था मिली। उन्होंने 17 महीनों में जितना संभव हो सके उतना प्रयार किया है। अब एक बार फिर 9 फरवरी 2024 को चुनाव के नतीजों और नई नेशनल असेंबली के गठन के बाद उन्हें दूसरी बार प्रधानमंत्री चुना गया है।

ऐसा रहा सियासी सफर

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई शाहबाज शरीफ का जन्म 1950 में लाहौर में हुआ था। शहबाज शरीफ को 1985 में लाहौर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष भी चुना गया था। शाहबाज शरीफ पहली बार 1988 में पंजाब विधानसभा पहुंचे। 1997 में वह तीसरी बार पंजाब विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने गए और प्रांत के मुख्यमंत्री बने।

तीन बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे

1999 में सैन्य तख्तापलट के बाद उन्हें अपदस्थ कर दिया गया और सऊदी अरब में निर्वासित कर दिया गया। 8 साल निर्वासन में बिताने के बाद वह 2007 में पाकिस्तान लौट आए। 2008 में उन्होंने चौथी बार भक्कर से प्रांतीय विधानसभा सीट जीती और दूसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने। 2013 में वह एक बार फिर लाहौर से विधानसभा के सदस्य बने और तीसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री चुने गए। 2018 में अपने बड़े भाई नवाज शरीफ को सुप्रीम कोर्ट से अयोग्य ठहराए जाने के बाद उन्हें पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।

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इन चुनौतियों का करना होगा सामना

मौजूदा दौर में पाकिस्तान एक नाजुक अर्थव्यवस्था और आतंकवाद के बढ़ते खतरे की खतरनाक चुनौतियों का सामना कर रहा है। शहबाज पीएम बनते हैं तो ये उनके सामने पहली चुनौती रहेगी। उनकी सरकार को जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की ताकत का भी सामना करना पड़ेगा। PTI चुनावों में कथित धांधली के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रही है।(एएमएपी)