वर्ल्ड किडनी डे को मनाने का एकमात्र उद्देश्य लोगों में किडनी के प्रति जागरुक करना है। किडनी शरीर का ऐसा अंग है जिसे लोग हल्के में लेते हैं और ये शरीर का सबसे अहम काम करती है। किडनी की मदद से ही शरीर के टॉक्सिंस बाहर निकलते हैं लेकिन रोजाना की गलत आदतें किडनी को बीमार बना रही हैं। नतीजा गुर्दे के फेल होने के रूप में मिलता है। अक्सर लोग किडनी फेल होने के शुरुआती लक्षणों को समझने में देर कर देते हैं। ऐसे में डायलिसिस के सिवाय दूसरा ऑप्शन नहीं रह जाता। अगर किडनी की बीमारी से बचना चाहते हैं तो फौरन इन आदतों से दूरी बना लें। आज 14 मार्च को वर्ल्ड किडनी डे पर हम आपको बताएंगे कि कैसे जरूरी है कि समय रहते कुछ सावधानियों को बरता जाए। जिससे किडनी हेल्दी रहे और आप भी। तो आइए जानते हैं –
इन बीमारियों का किडनी पर होता है बुरा असर
बीमारी शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है। इसलिए लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव बेहद जरूरी होते हैं। हाइपरटेंशन, मोटापा, डायबिटीज जैसी कुछ बीमारियां हैं जो सीधे तौर पर किडनी पर असर डालती हैं। ऐसे में डाइट में बदलाव जरूरी है। जिससे किडनी पर ज्यादा दबाव ना पड़े और वो ठीक से काम कर सके।
नमक की मात्रा पर करें कंट्रोल –
किडनी को क्रॉनिक डिसीज से बचाने का सबसे अच्छा तरीका है नमक यानी सोडियम की मात्र पर कंट्रोल। ज्यादा मात्रा में सोडियम किडनी के ऊपर प्रेशर बनाता है। नमक ज्यादा खाने की बजाय नेचुरल चीजों को स्वाद के लिए इस्तेमाल करें। किडनी को ठीक से फंक्शन करने के लिए बेहद जरूरी है।
चीनी और कार्ब्स कम खाएं –
नमक के साथ ही चीनी और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पर भी कंट्रोल करें। ज्यादा मात्रा में चीनी डायबिटीज को न्योता देती है और मुख्य रूप से इसका असर किडनी पर पड़ता है। इसलिए कार्बोहाइड्रेट को ऐसे फूड से लें जिसमे फाइबर भी हो। जैसे साबुत अनाज, ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल करेगा।
फाइबर वाले फूड खाएं –
डाइट में सब्जियां, फलों को शामिल करें, जिससे अपच की समस्या पैदा ना हो। फाइबर वाले फूड पाचन सही रखने में मदद करते हैं। ज्वार, बाजरा, रागी जैसे मिलेट्स को खाना शुरू कर दें। ये बॉडी को सारे जरूरी न्यूट्रिएंट्स जैसे कैल्शियम, आयरन और फास्फोरस देते हैं। फैट बॉडी के लिए जरूरी है लेकिन वो हेल्दी और नेचुरल होना चाहिए। एवाकॉडो, नट्स, सीड्स और जैतून का तेल कुछ ऐसे हेल्दी फैट्स हैं। जिन्हें डाइट में बैलेंस मात्रा में खाना चाहिए। ये हार्ट हेल्थ के लिए भी जरूरी है। साथ ही हेल्दी फैट वजन कंट्रोल करने, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने और डायबिटीज के रिस्क को कम करने में मदद करता है। जिसका सीधा असर किडनी पर होता है और किडनी हेल्दी बनी रहती है।
पानी पिएं और एल्कोहल से दूरी है जरूरी
किडनी ठीक से फंक्शन करती रहे इसके लिए जरूरी है कि शरीर में पानी की मात्रा कम ना हो। रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी बेहद जरूरी है। जिससे किडनी को लगभग सभी बीमारियों से बचाया जा सकता है। ये किडनी में स्टोन होने से भी रोकेंगी। अगर आप मॉडरेट लेवल में भी एल्कोहल लेते हैं। तो ये आपकी किडनी को खराब करने के लिए काफी है। यहीं नहीं स्मोकिंग का असर केवल फेफड़ों पर ही नहीं पड़ता बल्कि ब्लड फ्लो में गड़बड़ी किडनी की बीमारी को बढ़ा देती है।
ये फल है किडनी के लिए लाभदायक
सेब, बेरी एवं खट्टे फल
सेब किडनी व दिल दोनों के लिए फायदेमंद है। सेब के घुलनशील रेशे कोलेस्ट्रोल और शर्करा का स्तर कम कर देते हैं। सेब का छिलका एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्रोत है। ताजे सेब से विटामिन-सी पर्याप्त मिलता है। इन्हें कच्चा भी खा सकते हैं। इन पर शहद की कुछ बूंदें व दालचीनी छिड़क कर इनका मजा लें। इसके साथ ही बेरी भी एंटीऑक्सीडेंट्स के अच्छे स्रोत होते हैं। इनमें शरीर के लिए मददगार अनेक पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। विशेष रूप से ब्लूबेरी में अत्यधिक एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। इससे कुछ मात्रा में विटामिन-सी और फाइबर भी मिलते हैं। स्ट्रॉबेरी और करौंदे नियमित खाएं। किडनी सही रखने के लिए विटामिन-सी पर्याप्त खाना चाहिए। नींबू और संतरे में यह पर्याप्त मात्रा में होता है। कुछ शोध यहां तक कहते हैं कि पानी में नीबू का रस या नीबू पानी रोज पीने से पथरी होने की दर भी कम हो जाती है। शरीर से टॉक्सिक निकलते हैं।
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लाल अंगूर, गोभी, शकरकंद और सलाह भी फायदेमंद
किडनी के पुराने रोगों में मददगार फल है लाल अंगूर। इनमें सोडियम, पोटेशियम और फॉस्फोरस कम मात्रा में पाए जाते हैं। किडनी के रोगियों को इनसे बचने की सलाह दी जाती है। फ्लेवनॉएड्स के कारण इनका रंग लाल होता है। इसके अलावा हरी सब्जी में गोभी खानी चाहिए, जिसमें कि विटामिन-ए, सी और कुछ अन्य पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों में किडनी की कार्यप्रणाली को बढ़ावा देने वाले विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। वहीं, शकरकंद को दिन में किसी भी समय खाया जा सकता है। इनमें मौजूद अत्याधिक फाइबर धीरे-धीरे टूटता है, जिससे वजन कम करने में भी मदद मिलती है। किडनी के पुराने मरीजों को फॉस्फोरस की अधिक मात्रा वाले खाद्य-पदार्थ नहीं खाने चाहिए, जैसे, मांस, मछली, डेरी उत्पाद, फली व बादाम आदि। लाल मांस के रूप में प्रोटीन भी किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। इस संबंध में किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ से मिलना भी अच्छा रहता है। (एएमएपी)