(21मार्च पर विशेष)
यह अनुमान है कि दुनिया के आधे से अधिक आर्थिक उत्पादन या जीडीपी पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं पर निर्भर करता है। इसमें वनों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं भी शामिल हैं। यही नहीं, धरती के स्वास्थ्य और मानव कल्याण के लिए वन अहम हैं। वन पृथ्वी की लगभग एक तिहाई भूमि को कवर करते हैं और लोगों को लकड़ी, ईंधन, भोजन और चारा जैसे सामान प्रदान करते हैं। जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करते हैं। जैव विविधता, मिट्टी, नदियों और जलाशयों की रक्षा करते हैं और उन क्षेत्रों के रूप में काम करते हैं जहां लोग प्रकृति के करीब पहुंच सकते हैं।
खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, वन दुनिया की स्थलीय जैव विविधता के लगभग 80 फीसदी का घर हैं, जिसमें 60,000 से अधिक पेड़ प्रजातियां हैं। लगभग 1.6 अरब लोग भोजन, आश्रय, ऊर्जा, दवाओं और आय के लिए सीधे जंगलों पर निर्भर हैं।
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चिंताजनक स्थिति यह है कि दुनियाभर में हर साल एक करोड़ हेक्टेयर जंगल गायब किए जा रहे हैं जो आइसलैंड के आकार के बराराबर का आकर है। वनों की कटाई और क्षरण को रोकने के लिए और अधिक कार्रवाई की आवश्यकता है। 1990 के बाद से दुनिया में 42 करोड़ हेक्टेयर वन क्षेत्र घट चुका है। मुख्य रूप से कृषि विस्तार के कारण प्रति वर्ष लगभग 1 करोड़ हेक्टेयर वनों का काटा जा रहा है। इस दिवस को मनाने मकसद है-लोग वनों के संरक्षण के प्रति जागरूक हों। वनों की रक्षा के बारे में सोचें। वनों की अंधाधुंध कटाई को रोका जाए। लोग पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें।(एएमएपी)