भारत के साथ जारी तनावपूर्ण संबंधों के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सुर फिलहाल बदले हुए नजर आ रहे हैं। मुइज्जू ने हाल ही में भारत को अपना अच्छा सहयोगी बताया है और नई दिल्ली से मालदीव को ऋण राहत प्रदान करने का आग्रह किया है। बता दें कि पिछले साल के अंत तक मालदीव पर भारत का लगभग 400.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 35 अरब रुपये) बकाया था। मुइज्जू ने भारत से आग्रह किया कि वह मालदीव के लिए सरकारों द्वारा लिए गए भारी ऋणों के पुनर्भुगतान में ऋण राहत उपायों को शामिल करे। भारत के प्रति मुइज्जू की यह सकारात्मक टिप्पणियां अप्रैल के मध्य में मालदीव में होने वाले संसद चुनावों से पहले आईं है।मोहम्मद मुइज्जू चीन समर्थक माने जाते हैं। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान उन्होंने ‘इंडिया आउट’ का नारा दिया था। पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से मुइज्जू भारत के प्रति सख्त रुख अपनाए हुए थे। उन्होंने राष्ट्रपति पद संभालने के कुछ ही घंटों के भीतर भारत को मालदीव से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की मांग की थी। मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा था कि 88 भारतीय सैन्य कर्मियों को 10 मई तकवापस भेज दिया जाएगा। ये भारतीय सैन्यकर्मी तीन विमानन प्लेटफार्मों का संचालन करने के लिए मालदीव में मौजूद थे।

भारत को बताया मालदीव का सबसे करीबी सहयोगी

राष्ट्रपति पद संभालने के बाद स्थानीय मीडिया के साथ अपने पहले साक्षात्कार में मोहम्म मुइज्जू ने कहा कि भारत मालदीव को सहायता प्रदान करने में अग्रणी देश रहा है और उसने हमारे यहां सबसे ज्यादा परियोजनाओं को लागू किया है। उन्होंने कहा कि भारत मालदीव का सबसे करीबी सहयोगी बना रहेगा। भारत की प्रशंसा करने वाली मुइज्जू की ये टिप्पणियां इस महीने भारतीय सैन्य कर्मियों के पहले बैच के मालदीव छोड़ने के बाद आई हैं। भारत पिछले कुछ वर्षों से मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए दो हेलीकॉप्टरों और एक डोर्नियर विमान का संचालन करता आ रहा है। इन विमानों के संचालन के लिए ही 88 भारतीय सैनिक वहां मौजूद थे।

मुइज्जू ने भारत से मालदीव की सरकारों द्वारा लिए गए भारी ऋण के पुनर्भुगतान में राहत प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘हमें जो स्थितियां विरासत में मिली हैं वे ऐसी हैं कि भारत से बहुत बड़े ऋण लिए गए हैं, जो मालदीव की अर्थव्यवस्था द्वारा वहन किए जाने से कहीं अधिक हैं। इसलिए, हम इन ऋणों की भुगतान प्रक्रिया में राहत के लिए भारत से चर्चा कर रहे हैं। किसी भी चल रही परियोजना को रोकने के बजाय।।।उन पर तेजी से आगे बढ़ना है, इसलिए मुझे (मालदीव-भारत संबंधों पर) किसी भी प्रतिकूल प्रभाव का कोई कारण नहीं दिखता’। भारत के प्रति मुइज्जू की सौहार्दपूर्ण टिप्पणियां अप्रैल के मध्य में मालदीव में होने वाले संसदीय चुनावों से पहले आई हैं।

भारत की कोई परियोजना रोकने का इरादा नहीं

मोहम्मद मुइज्जू ने आशा व्यक्त की कि भारत इन ऋणों के पुनर्भुगतान में मालदीव को राहत उपायों की सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने दिसंबर 2023 में दुबई में सीओपी28 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी चर्चा का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैंने अपनी बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को यह भी बताया कि मेरा इरादा किसी भी चल रही परियोजना को रोकने का नहीं है। इसके बजाय, मैंने उन्हें मजबूत करने और उनमें तेजी लाने की इच्छा व्यक्त की। मैंने सुझाव दिया कि एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की जाए, जो परियोजना से संबंधित निर्णय लेने में सक्षम हो ताकि हनीमाधू हवाई अड्डे समेत अन्य परियोजनाओं पर तेजी से काम सुनिश्चित किया जा सके’।

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भारतीय सैन्य कर्मियों के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए मुइज्जू ने कहा, ‘भारत के साथ उठे विवाद का एकमात्र मामला यही था। भारत ने भी इस तथ्य को स्वीकार कर लिया है और सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने पर सहमत हो गया है। एक देश से दूसरे देश को दी जाने वाली सहायता को बेकार बताकर खारिज करना या उसकी उपेक्षा करना अच्छा नहीं है। भले ही वे किसी दूसरे देश के सैनिक हों, हम उनसे उसी तरह निपटेंगे। मैंने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि यह कोई व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है’। मुइज्जू ने कहा कि उनकी सरकार ने मालदीव में भारतीय सैन्य कर्मियों के मुद्दे से निपटने के लिए विचार-विमर्श के माध्यम से सबसे तेज और सबसे विवेकपूर्ण समाधान खोजने के लिए काम किया।  (एएमएपी)