आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत को पार्टी ने टिकट नहीं दिया। इसकी वजह कंगना रनौत पर उनका विवादित बयान माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक इस बार पार्टी ने टिकट नहीं देकर उन्हें चुनाव लड़ने से मना कर दिया। बुधवार को कांग्रेस द्वारा जारी 14 प्रत्याशियों की सूची में उत्तर प्रदेश के चार लोकसभा सीटों की घोषणा की गई। उसमें कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत का नाम नहीं हैं। उधर, कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह रोकने को यादवेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है।

2019 में सुप्रिया श्रीनेत उत्तर प्रदेश के महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरी थीं। उस दौरान वे भाजपा के पंकज चौधरी से चुनाव हार गई थीं। कांग्रेस की उसी सूची में महाराजगंज के फरेंदा विधानसभा क्षेत्र से विधायक विरेंद्र चौधरी को महाराजगंज सीट से प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने यहां पर वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी को ही उतारा है। कांग्रेस ने इसी तरह से मध्य प्रदेश से सूची जारी कर दी है। यहां पर छह में तीन सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई है। गुना से भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ कांग्रेस ने यादवेंद्र सिंह को टिकट दिया है। इस सीट पर 2019 में कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को टिकट दिया था।

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सिंधिया परिवार के खिलाफ राव परिवार की अदावत काफी पुरानी है। भाजपा ने करीब 22 साल पहले यादवेंद्र यादव के पिता देशराज सिंह यादव को ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ उतारा था। वर्ष 2002 के लोकसभा उप-चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बड़े अंतराल से 4 लाख से ज्यादा मतों से हराया था। (एएमएपी)