केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने पेश किया अंतरिम केंद्रीय बजट

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को संसद के निचले सदन लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम केंद्रीय बजट पेश किया। निर्मला सीतारमण आज अपना छठा और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट पेश कर रही हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने सबका साथ-सबका विकास की धारणा को मजबूत किया है। सीतारमण ने जनता का आभार जताते हुए अपने बजट भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि देश में नया उद्देश्य और उम्मीद जगी है। जनता ने हमें दूसरी बार सरकार में चुना। हमने व्यापक विकास की बात की। सबका साथ, सबका विश्वास और सबके प्रयास के मंत्र से आगे बढ़े।

10 वर्ष में अर्थव्यवस्था में हुआ काफी विकास

सीतारमण ने कहा देश की जनता भविष्य की ओर देख रहे हैं। वे आशान्वित हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम आगे बढ़ रहे हैं। सीतारमण ने कहा कि जब मोदी ने 2014 में काम शुरू किया तब बहुत ज्यादा चुनौतियां थीं। हमने जनता के हित में काम शुरू किए, जनता को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर दिए। उन्होंने कहा कि 10 वर्ष में अर्थव्यवस्था में काफी विकास हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इसने तरक्की की है। जब वे प्रधानमंत्री बने, तब कई चुनौतियां मौजूद थीं। सबका साथ, सबका विकास के मंत्र के साथ सरकार ने इन चुनौतियों का सामना किया। जन कल्याणकारी योजनाएं और विकास के बूते हम लोगों तक पहुंचे।

25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला

उन्होंने कहा कि गरीब का कल्याण, देश का कल्याण, हम इस मंत्र के साथ काम कर रहे हैं। ‘सबका साथ’ के उद्देश्य के साथ हमने 25 करोड़ लोगों को विविध तरह की गरीबी से बाहर निकाला है। भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के लिए काम कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि लोग अच्छे से रह रहे हैं और अच्छी आमदनी कर रहे हैं। बड़ी योजनाओं की प्रभावी तरीके से और ससमय पूरा किया जा रहा है। जीएसटी ने एक देश, एक मार्केट और एक टैक्स की धारणा को मजबूत किया है। गिफ्टी आईएफएससी ने वैश्विक वित्तीय निवेश का रास्ता खोला है।

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80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया

सीतारमण ने कहा कि पिछले 10 साल में हमने सबके लिए आवास, हर घर जल, सबके लिए बैंक खाते जैसे कामों को रिकॉर्ड समय में पूरा किया। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया। अन्नदाताओं की उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया। पारदर्शिता के साथ संसाधनों का वितरण किया गया है। हम असमानता दूर करने का प्रयास किया है, ताकि सामाजिक परिवर्तन लाया जा सके। प्रधानमंत्री के मुताबिक गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता, ये ही चार जातियां हैं, जिन पर हमारा फोकस है। उनकी जरूरतें, उनकी आकांक्षाएं हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं।(एएमएपी)