जापान के लिए परिधान निर्यात के सालाना आधार पर 20-25 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जिससे घरेलू निर्यातकों के लिए नए अवसर खुलेंगे। परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन नरेन गोयनका ने कहा कि बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में बढ़ते अवसरों के बीच उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई), मेगा पार्क योजना, गुणवत्ता मानकों में सुधार, प्रमुख बाजारों के साथ मुक्त व्यापार समझौते जैसे सरकारी पहल से निर्यात वृद्धि को बल मिलेगा।जापान के लिए निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एईपीसी गुरुग्राम में दो-दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इसे संबोधित को संबोधित करते हुए गोयनका ने कहा, “जापान के लिए परिधान निर्यात सालाना आधार पर 20-25 प्रतिशत दर से बढ़ने की उम्मीद है। फिलहाल यह 22 करोड़ डॉलर है।” उन्होंने कहा कि जापान के लिए चीन प्रमुख परिधान आपूर्तिकर्ता रहा है लेकिन पिछले पांच सालों में चीन से जापान के निर्यात में कमी आने से भारत को भारी फायदा हो रहा है। इसका लाभ परिधान निर्यात में भी होने की उम्मीद है।

भारत और जापान के बीच वर्ष 2011 में एक व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर हुए थे, जो शून्य शुल्क पर भारत से जापान में कपड़ों के आयात की सुविधा प्रदान करता है।सीईपीए समझौते के बावजूद, दोनों देशों के बीच वस्त्र और परिधानमें व्यापार में वृद्धि कम रही है। जापान वस्त्र और परिधान का आयात करने वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है, और भारत छठा सबसे बड़ा निर्यातक है। ऐसे में इस क्षेत्र में अभी अपार अनछुई संभावनाएं मौजूद हैं।

गौरतलब है कि फरवरी 2019 में वस्त्र मंत्रालय के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल की ओर से कपड़ा क्षेत्र में निर्यात एवं सहयोग बढ़ाने और सीईपीए का लाभ लेने के लिए ज़रूरी क्षेत्रों की पहचान करने के उद्देश्य से एक मुहिम शुरू की गई थी।इन घटनाक्रमों के परिणामस्वरूप, कपड़ा समिति ने जापान के एम/एस निसेनकेन क्वालिटी इवैल्युएशन सेंटर के साथ बातचीत शुरू की, ताकि दोनों संगठनों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से दोनों देशों के कपड़ा व्यापार और उद्योग को बहुमूल्य सेवाएं प्रदान की जा सकें।

वस्त्र समिति के बारे में

संसक के एक अधिनियम के तहत वर्ष 1963 में वस्त्र समिति का गठन किया गया था। वस्त्र मंत्रालय के अंतर्गत यह एक वैधानिक इकाई है, जिसका उद्देश्य अन्य बातों के साथ-साथ घरेलू और निर्यात बाज़ारों के लिए सभी वस्त्र और वस्त्र उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। वस्त्र समिति एकमात्र इकाई है, जो देशभर में एकीकृत तरीके से संपूर्ण टेक्सटाइल वैल्यु चैन (वस्त्र मूल्य श्रंखला) की गुणवत्ता संबंधी ज़रूरतों को पूरी करने की दिशा में सहायता प्रदान करती है। इसके देशभर में 28 कार्यालय और 19 स्टेच ऑफ आर्ट प्रयोगशालाएं , जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हैं।

जापान के निसेनकेन क्वालिटी इवैल्युएशन सेंटर बारे में

एम/एस निसेनकेन क्वालिटी इवैल्युएशन सेंटर जापान के अग्रणी परीक्षण और निरीक्षण संगठनों में से एक है। विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने वाले इस संस्थान की स्थापना वर्ष 1948 में हुई थी। यह संस्थान जापान के अलावा चीन, इंडोनेशिया, म्यांमार, वियतनाम, बांग्लादेश, कंबोडिया और भारत में वस्त्र व्यापार और उद्योग क्षेत्र में महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान कर रहा है।   (एएमएपी)