
‘बीजेपी ने संसद नहीं चलने दी’
लेख में सोनिया गांधी ने आगे कहा, पिछले महीनों में हमने प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को भारत के लोकतंत्र के तीनों स्तंभों- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को व्यवस्थित रूप से ध्वस्त करते देखा है। उनके कामों से लोकतंत्र और लोकतांत्रिक जवाबदेही के लिए एक गहरा तिरस्कार दिखता है, जो परेशान करने वाला है। सोनिया गांधी ने संसद नहीं चलने देने का आरोप लगाते हुए लिखा बीजेपी ने अडानी समेत प्रमुख मुद्दों पर सदन में चर्चा नहीं होने दी और बिजली की तेजी से राहुल गांधी की सदस्यता को खत्म कर दिया गया।
‘बिना बहस के बजट पास’
उन्होंने लिखा, पिछले सत्र में विपक्ष को बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक विभाजन जैसे गंभीर मुद्दों को उठाने से रोकने और साल के बजट और अडानी घोटाले पर विपक्ष को चर्चा करने से रोकने के लिए सरकार की रणनीति देखी। मजबूत विपक्ष के लिए मोदी सरकार ने अभूतपूर्व उपायों का सहारा लिया। भाषणों को मिटाया गया, चर्चा रोकी गई और संसद सदस्यों पर हमला किया गया और आखिर में कांग्रेस के एक सदस्य को अयोग्य घोषित कर दिया गया। नतीज यह हुआ कि जनता के पैसे का 45 लाख करोड़ रुपये का बजट बिना किसी बहस के पास हो गया। जब वित्त विधेयक लोकसभा के माध्यम से पेश किया गया, प्रधान मंत्री व्यापक मीडिया कवरेज के साथ अपने निर्वाचन क्षेत्र में परियोजनाओं के उद्घाटन में व्यस्त थे।
सीबीआई के दुरुपयोग का लगाया आरोप
सोनिया गांधी ने कहा, सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है और सीबीआई 95 प्रतिशत मामले केवल विपक्ष के खिलाफ दर्ज कर रही है। सोनिया गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि मीडिया की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया जा रहा है। पीएम ने बीजेपी और आरएसएस की नफरत और हिंसा के बढ़ते ज्वार को नजरअंदाज किया। चीन पर पीएम की चुप्पी का हम तमाशा देख रहे हैं।(एएमएपी)



