बोले- जब तक जीवत हूं एनसीपी में रहूंगा
लेकिन यह सारी बातें उस वक्त हवा हो गईं जब मंगलवार को अजीत मीडिया के सामने आए और कहा, जब तक वह जीवित हैं एनसीपी के लिए काम करते रहेंगे। इसके साथ ही अजित ने उन अटकलों को भी खारिज कर दिया जिसमें उनके बाकी विधायकों के साथ बीजेपी ज्वाईन करने की बात कही गई थी।
इस बात का राजनीतिक संदेश भी कल शाम हुई उस इफ्तार पार्टी से हो गया जिसमें चाचा शरद पवार के साथ एनसीपी नेता अजित पवार शामिल हुए थे और उनके सामने ही शरद ने बीजेपी पर तगड़े हमले बोले थे। इस पूरे मामले से जुड़ी 10 घटनाओं के बारे में हम आपको जानकारी देंगे।
1. इफ्तार पार्टी से पहले इस बात के कयास लगाए जा रहे थे, अजित पवार बाकी विधायकों के साथ पार्टी ज्वाईन करेंगे। लेकिन उन पर तब काबू लग गया जब दोनों नेता एक साथ इफ्तार पार्टी में दिखें। 2019 में अजित पवार ने बीजेपी के समर्थन से राज्य के डिप्टी सीएम के पद की शपथ ली थी।
2. ऐसा माना जा रहा है, एनसीपी में अजित पवार और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है, और दोनों भाई-बहनों के बीच इसको लेकर दरार आई है। इसलिए भी अजित पार्टी छोड़ना चाहते हैं।
3. अजित पवार के एनसीपी के एक धड़े के साथ बीजेपी ज्वाईन करने की अफवाह के बीच शरद पवार, सुप्रिया सुले, उद्धव ठाकरे और शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक कॉन्फ्रेंस कॉल की, अजित इस कॉन्फ्रेंस कॉल में शामिल नहीं हुए।
4. एनसीपी के कुछ विधायकों ने अजीत पवार से मुलाकात की और उनको भरोसा दिया, वह अजित के साथ किसी भी स्थिति में उनके साथ हैं, उनको इस बात से फर्क नहीं पड़ता है, उसके क्या फायदे या नुकसान होंगे।
5. हालांकि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अटकलों को खारिज कर दिया और कहा कि अजित पवार ने कोई बैठक नहीं बुलाई थी
6. शरद पवार के इस बयान के लगभग दो घंटे बाद अजित ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और कहा, जब तक वह जीवित हैं एनसीपी के सदस्य रहेंगे।
7. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही अजित पवार ने कहा, मेरे इस बयान के बाद अफवाहें बंद होनी चाहिए। उन्होंने कहा, यह पूरी तरह झूठ है, मैंने अपनी पार्टी के विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक नहीं बुलाई है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक, मुंबई के कोलाबा में एक पांच सितारा होटल में अजीत पवार, प्रफुल्ल पटेल, दिलीप वलसे पाटिल, छगन भुजबल की मुलाकात हुई।
8. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है, भले ही एनसीपी प्रमुख ने अजित की अटकलों पर पानी फेर दिया हो, लेकिन शरद पवार को अजीत पवार और बीजेपी के बीच बातचीत और एनसीपी विधायकों के साथ उनकी बैठक के बारे में पता था, और उसकी पहले से ही जानकारी थी।
9. शरद पवार ने कहा, यह शरद पवार ही थे जिन्होंने अजित पवार को तौला और पार्टी में उभरती हुई बगावत को दबा दिया।
10. शरद पवार के सहयोगियों ने पार्टी के विधायकों से संपर्क करना शुरू किया और उनको बताया कि अगर वे अचानक कोई फैसला लेते हैं, तो उन्हें अयोग्यता के मामले का सामना करना पड़ेगा जैसा कि शिंदे के विधायक कर रहे हैं।(एएमएपी)