तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक से क्यों ठनी
तमिलनाडु भाजपा के प्रमुख के अन्नामलाई ने राज्य की पहले की कई सरकारों को भ्रष्ट बताया था। उनसे साल 1991 से 1996 के दौर को लेकर सवाल किया गया था। खास बात है कि उस दौरान दिवंगत जयललिता सरकार में थीं। अब इस बात पर भाजपा और अन्नाद्रमुक में फिर नाराजगी बढ़ती नजर आ रही है। पूर्व मंत्री डी जयकुमार ने जमकर नाराजगी जाहिर की और दिल्ली नेतृत्व से इसपर सवाल किया है।
उन्होंने कहा, ‘क्या यह अन्नामलाई का मकसद है कि 2024 लोकसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक-बीजेपी गठबंधन कोई सीट न जीते और नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहिए? क्या उनकी गतिविधिया इस ओर नहीं जा रही हैं।’ उन्होंने अन्नामलाई के बयान को अस्वीकार्य बताया है।
हरियाणा में जेजेपी है नाराज?

भाजपा हरियाणा में जननायक जनता पार्टी के साथ सरकार में है और दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री हैं। अब भाजपा के प्रदेश प्रभारी बिप्लब कुमार देब की निर्दलीय विधायकों के साथ मुलाकात ने सियासी पारा बढ़ा दिया है। साथ ही वह उचाना सीट से भाजपा प्रत्याशी की जीत का दावा कर चुके हैं। खास बात है कि चौटाला का इस सीट पर प्रभाव है और वह यहां से मैदान में उतर सकते हैं।
कहा जा रहा है कि पहलवानों के विरोध प्रदर्शन ने भी दोनों दलों में दूरी बढ़ाई है। हालांकि, चौटाला और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दोनों ही नेता मतभेद की अटकलों से इनकार कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में क्या चल रहा है
बीते साल जून-जुलाई में सरकार में आए भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समूह में बयानबाजी चलती रही है। ताजा संकट शिंदे समूह के मंत्रियों के प्रदर्शन को लेकर उठता नजर आ रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि भाजपा आलाकमान ने शिवसेना के कुछ मंत्रियों के काम करने के तरीकों और प्रदर्शन पर नाराजगी जताई है। ऐसे में दोनों दलों के बीच फिर तकरार बढ़ने के आसार हैं।
डोंबिवली में स्थानीय भाजपा नेताओं के प्रदर्शन ने भी दोनों दलों में नाराजगी पैदा की है। नौबत यहां तक आ गई थी कि मुख्यमंत्री शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे इस्तीफा तक देने की बात कह चुके थे।(एएमएपी)



