घरेलू सहायिका को प्रताड़ित करने का आरोप।
वीडियो के वायरल होते ही चाइल्ड हेल्पलाइन सर्विस टीमों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और बच्ची के बचाने के प्रयास शुरू हुए। पुलिस ने शुक्रवार को दंपति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। प्रारंभिक जांच के बाद, दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए। पुलिस के मुताबिक, फरहाना ने कहा कि उसने बच्ची को बेहतर जिंदगी देने के लिए 2022 में उसे गोद लिया था। हालांकि, दंपति गोद लेने का कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सका।
‘पढ़ाई पर ध्यान नहीं देती थी, इसलिए पिटाई की’
मीडिया से बातचीत में फरहाना ने कहा, ‘बच्ची अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे रही थी और क्लास करने नहीं जाती थी। एक दिन उसके स्कूल की ओर से कक्षा में उसकी असावधानी को लेकर मुझे शिकायत मिली थी। इसलिए मैंने उसे पीटा और जानबूझकर वीडियो बनाया।’ उन्होंने दावा किया कि उनके पति को वीडियो के बारे में कोई जानकारी नहीं है। चौधरी ने कहा कि उन्हें वीडियो के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘जो कुछ भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है और किसी को भी ऐसा नहीं करना चाहिए।’ वहीं, पुलिस मामले की जांच कर रही है, जिसके आधार पर आगे का ऐक्शन लिया जाएगा। मालूम हो कि हाजी अब्दुर रऊफ चौधरी असम गण परिषद (एजीपी) पार्टी से मंत्री थे।(एएमएपी)



