
चुनावी जंग और भी दिलचस्प होगी
राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में है और रिवाज बदलते हुए लगातार दूसरी बार सत्ता में आने की कोशिश में जुटी है। मुफ्त बिजली, राशन किट, 500 रुपए में सिलेंडर जैसी योजनाओं के सहारे अशोक गहलोत अपना ‘जादू’ चलाने की कोशिश में जुटे हैं। वहीं, भाजपा को उम्मीद है कि जनता राजस्थान के ट्रेंड को जारी रखते हुए सत्ता में परिवर्तन करेगी और उसे अगले 5 साल तक मौका मिलेगा। अब ‘आप’ की एंट्री के बाद चुनावी जंग और भी दिलचस्प हो गई है।
राजस्थान में कांग्रेस की चिंता बढ़ा सकती है आप
कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ‘आप’ सत्ता विरोधी वोटों का बंटवारा करती है तो कांग्रेस को लाभ हो सकता है। हालांकि, कुछ अन्य विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा का अपना वोट बैंक काफी हद तक उसके साथ स्थिर रहता है जबकि कांग्रेस और आप का वोटर बेस लगभग एक जैसा है। दिल्ली, पंजाब में तो आप ने कांग्रेस के पूरे वोटबैंक को अपनी तरफ शिफ्ट कर लिया। गोवा और गुजरात में भी उसने कांग्रेस के वोटर्स में ही सेंध लगाई। इसलिए राजस्थान में भी कांग्रेस की चिंता बढ़ सकती है।
कांग्रेस और आप में टकराव जारी
कांग्रेस और आप 26 दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल है। पटना और बेंगलुरु में हुई बैठक में दोनों दल एक मंच पर आ चुके हैं। हालांकि, मुंबई में होने जा रही तीसरी बैठक से पहले दोनों दलों के बीच टकराव भी देखने को मिल रहा है। दिल्ली, पंजाब, गुजरात और राजस्थान जैसे प्रदेशों में दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस और आप की दोस्ती के भविष्य पर भी सवाल उठने लगे हैं।(एएमएपी)



