ईडी ने पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी सुजयकृष्ण भद्र से जुड़े कोलकाता में तीन परिसरों में 21 और 22 अगस्त को तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए। ईडी की इसे प्रेस विज्ञप्ति के बाद पश्चिम बंगाली की राजनीति में घमासान मच गया है।

भारतीय जनता पार्टी नेता और पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि अभिषेक बनर्जी ने करोड़ों रुपये की हेराफेरी की है। ममता बनर्जी का नाम लिए बिना भाजपा नेता ने उन्हें भाइपो (भतीजा) कहा है। उन्होंने कहा, “पूरे घोटाले के पीछे भाईपो है। उसने करोड़ों रुपये की हेराफेरी की है। वह एजेंसी से बच नहीं सकता है। सब कुछ जल्द ही सामने आ जाएगा।”
टीएमसी के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर सुभेंदु अधिकारी को बचाने का आरोप लगाते हुए उनके आरोपों का जवाब दिया है। सेन ने कहा, “‘ईडी को सुभेंदु अधिकारी से तुरंत पूछताछ करनी चाहिए। 2014 में सारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई की एफआईआर में उन्हें एक संदिग्ध के रूप में शामिल किया गया था।” आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2014 में सीबीआई ने सारदा जांच शुरू की थी। सुभेंदु अधिकारी उस वक्त टीएमसी में थे।
ईडी ने कहा कि नौकरी घोटाला मामले में अब तक जब्त और कुर्क की गई नकदी और संपत्ति का मूल्य 126.70 करोड़ है। इस साल 30 मई को गिरफ्तार किए गए भद्रा अभी न्यायिक हिरासत में हैं। उनके खिलाफ ईडी ने 28 जुलाई को कोलकाता की एक अदालत में आरोप पत्र दायर किया था। उन्होंने कहा था, ”अभिषेक बनर्जी मेरे बॉस हैं। मैं उनकी कंपनी लीप्स एंड बाउंड्स के लिए काम करता हूं। अभिषेक बनर्जी को कोई छू नहीं सकता, इसलिए एजेंसियां अन्य लोगों को निशाना बना रही हैं। इससे कोई मदद नहीं मिलेगी।”(एएमएपी)



