आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस बिस्तर को हम साफ समझकर सोते हैं, उसमें कई बार इतनी गंदगी होती है कि हम इसके बारे में सोच भी नहीं सकते। हर घर के अपने नियम-कानून होते हैं। अपने घर की चादरों और पर्दों को धोने का कुछ शेड्यूल तो आपने भी बना रखा होगा लेकिन तकिये के कवर को आप कितने दिनों में धोते हैं? अगर इसे लेकर आपका कोई नियम नहीं है, तो आज ही बना लीजिए।दरअसल, इस संबंध में क्लीनिंग एक्सपर्ट शैंटेल मिला ने अपने टिकटॉक पर इससे जुड़े हुए कुछ टिप्स बताए हैं, जिसके मुताबिक आपके सिर के नीचे रखा जाने वाला पिलोकेस ही आपकी सेहत का दुश्मन है। आपको बतादें कि शैंटेल मिला एक क्लीनिंग एक्सपर्ट हैं और उन्होंने बताया है कि तकिये के कवर के जल्दी-जल्दी बदलना और धोना न सिर्फ हमारी सेहत के लिए अच्छा है बल्कि हमारी त्वचा के लिए भी ये फायदेमंद है।

अपने वीडियो में उन्होंने बताया है कि बहुत से लोग अपने तकिया के कवर को जल्दी-जल्दी नहीं धोते हैं। चूंकि हमारे पसीने और तेल को ये पिलोकेस सोखते रहते हैं, ऐसे में ये एलर्जी और ब्रेकआउट की वजह बन सकते हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि इन्हें समय पर धोया जाए तो इंफेक्शन से बचे रहा जाए।

शैंटेल मिला के मुताबिक तकिये के कवर को 3-4 दीन में धोना ज़रूरी है, जिसके लिए लिक्विड डिटर्जेंट और यूकेलिप्टस ऑयल की कुछ बूंदों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे कीटाणुओं और गंदगी से छुटकारा मिला है लेकिन फैब्रिक सॉफ्टनर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे कीटाणुओं को रहने की जगह मिलेगी। इसकी जगह सफेद सिरके का इस्तेमाल किया जा सकता है।

इससे पहले भी स्टडीज़ में कहा जा चुका है कि हमारा चेहरा और बाल सिर्फ तकिए पर होते हैं, इससे पसीना और डेड स्किन सेल्स तकिए पर चिपक जाते हैं। 4 सप्ताह पुराने तकिए के कवर में 12 मिलियन बैक्टीरिया होते हैं। इसी तरह एक हफ्ते पुराने तकिए में करीब 50 लाख बैक्टीरिया होते हैं।

मालूम हो कि अपने घर की चीज़ों साफ-सुथरा सभी रखना चाहते हैं लेकिन कई बार हमें खुद ही नहीं पता होता है कि चीज़ जितनी साफ दिख रही है, दरअसल उतनी साफ है नहीं। इंसान को सबसे ज्यादा सुकून रात में अपने बिस्तर में ही मिलता है। दिन भर का थका-हारा आदमी अपने घर के बिस्तर में सुकून की नींद लेना चाहता है।(एएमएपी)