उन्होंने कहा कि आईएनडीआई गठबंधन ने मध्य प्रदेश में रैली तय की थी, लेकिन कमलनाथ ने इसे रद्द करवा दिया। उन्होंने यहां घुसने से भी मना कर दिया। यह अजीब गठबंधन है, दिल्ली में दोस्ती और राज्यों में कुश्ती, ऐसा कहीं होता है क्या। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस आपस में ही धोखा दे रही है। अब मध्य प्रदेश में ही देख लीजिए। कांग्रेस लड़ रही है, सपा लड़ रही है, आम आदमी पार्टी भी बाहें चढ़ा कर सामने खड़ी है, ये काहे का गठबंधन है। आश्चर्य के साथ जनता इस गठबंधन को देख रही है। जब आज ही इस गठबंधन की यह स्थिति है, आपस में लड़ रहे हैं तो इनके हाथों में देश और प्रदेश का भविष्य कैसे सुरक्षित होगा।
दरअसल, अखिलेश यादव ने एक दिन पहले गुरुवार को यूपी के सीतापुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मप्र में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि पहले हमारे नेताओं के साथ मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री स्तर के नेताओं ने लंबी बैठक कर हमारा पूरा डाटा लिया। मुझे पता होता कि कांग्रेस के लोग धोखा देंगे तो मैं उनकी बात का भरोसा ही नहीं करता। मुझे बताया गया कि छह सीटों पर आपके लिए सोचा गया है, लेकिन उन्होंने सपा के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी। अगर हमें पता होता कि गठबंधन प्रदेश स्तर पर नहीं होना है तो उस पर विचार करता। उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेताओं से कहा कि अपने प्रदेश के छोटे और चिरकुट नेताओं द्वारा की जा रही बयानबाजी पर अंकुश लगाएं।
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मुख्यमंत्री चौहान ने अखिलेश के इसी बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कांग्रेस द्वारा जारी की गई दूसरी सूची पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कुछ टिकट कमलनाथ तो, कुछ टिकट दिग्विजय सिंह ले गए। बाकी हाथ मलते रह गए। अब आपस में ही लड़ाई मची हुई है। विरोध हो रहा है, पुतले जल रहे हैं। एक अपने पुत्र को स्थापित कर रहा है, दूसरा अपने पुत्र को स्थापित कर रहा है। दुर्गति कांग्रेस के अंदर भी है। (एएमएपी)