पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में तीन साधुओं को पीटने के मामले में विवाद बढ़ने के बाद पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का दावा है कि स्थानीय लोगों ने उन्हें अपहरण करने वाला समझ कर हमला कर दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर साधुओं को भीड़ से बचा कर नजदीकी पुलिस स्टेशन पहुंचाया।

पुरुलिया के पुलिस अधीक्षक अभिजीत बनर्जी ने घटना के संबंध में बताया कि साधुओं से मारपीट करने वाले 12 संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अभी मामले की जांच की जा रही है। घटना में शामिल अन्य लोगों की तलाश में छापेमारी भी की जा रही है। गिरफ्तार सभी आरोपितों को पुरुलिया जिले के रघुनाथपुर सब डिविजनल कोर्ट में पेश किया जाएगा।पुलिस ने यह भी कहा कि कुछ लड़कियों के साधुओं से डर कर भागने से स्थानीय लोगों को उन पर शक हुआ, जिसके बाद भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। बाद में पुलिस ने साधुओं को गंगासागर मेला पहुंचाने के लिए वाहन की व्यवस्था की।

सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें गुस्साई भीड़ साधुओं के वाहन में भी तोड़फोड़ करती दिख रही है। उल्लेखनीय है कि यह घटना गुरुवार को हुई थी। घटना को लेकर पश्चिम बंगाल भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए घटना की आलोचना की है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्विटर पर लिखा, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में पालघर जैसी लिंचिंग की घटना हुई है। मकर संक्रांति के लिए गंगासागर जा रहे साधुओं को सत्तारूढ़ टीएमसी से जुडे़ लोगों ने निर्वस्त्र कर पीटा। ममता बनर्जी के शासन में शाहजहां शेख को सरकारी संरक्षण मिलता है और साधुओं की हत्या की जा रही है। पश्चिम बंगाल में हिंदू होना क्राइम बन गया है। (एएमएपी)