पाकिस्तान में लोग बेतहाशा बढ़ती महंगाई से परेशान हैं। हालात दिन पर दिन खराब होते जा रहे हैं। इस बीच दूध की कीमत अचानक 190 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 210 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं। एक किलोग्राम चिकन जो कुछ दिन पहले 620-650 रुपये किलो मिल रहा था, अब उसकी कीमत बढ़कर 700-780 रुपये किलो हो गया है।

नकदी संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तीन अरब डॉलर से भी कम रह गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कराची मिल्क रिटेलर्स एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी वहीद गद्दी ने कहा कि कुछ दुकानदार दूध को बढ़ी हुई कीमत पर बेच रहे हैं। ये दुकान थोक विक्रेताओं और डेयरी किसानों के हैं। उन्होंने कहा कि यदि डेयरी किसानों और थोक विक्रेताओं ने इसी बढ़ी हुई कीमत पर दूध को बेचना जारी रखा तो खुदरा विक्रेताओं को खरीद मूल्य में 27 रुपये प्रति लीटर अधिक देने होंगे। इसके बाद वो ग्राहकों से एक लीटर दूध के लिए 210 के बजाए 220 रुपये लेने को मजबूर होंगे।

पाकिस्तान में मुर्गे-मुर्गियों को खिलाया जाना वाला दाना काफी महंगा हो गया है। 50 किलो के एक दाने के बोरे के लिए 7,200 रुपये देने पड़ रहे हैं। इस कारण पाकिस्तान में चिकन महंगा होता जा रहा है।

हर तरफ संकट ही संकट

पाकिस्तानी मुद्रा डॉलर के मुकाबले गिरकर 275 पर पहुंच गई है। यह ऑल टाइम लो लेवल है. खाने-पीने सहित सभी चीजों के दाम आसमान पर हैं। महंगाई बढ़कर 27 फीसदी से अधिक हो गई है। पाकिस्तान में महंगाई करीब 50 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है।

विदेशी मुद्रा भंडार  1998 के बाद अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। यह केवल 3 अरब डॉलर रह गया है। इससे पाकिस्तान एक महीने का आयात भी कवर नहीं कर पाएगा।

एक तरफ पाकिस्तान की माली हालत चरमरा रही है, पाकिस्तान की इकॉनोमी कभी भी बैंकक्रप्ट यानी दिवालिया हो सकती है। दूसरी ओर पाकिस्तान के अंदर गृह युद्ध के हालात बनते जा रहे हैं। अभी तक पाकिस्तान के नेता पाकिस्तानी फौज के डर से कुछ नहीं कहा करती थी। लेकिन अब पाकिस्तान की फौज पर भी सवाल उठने लगे हैं। नया विवाद इमरान खान और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल बाजवा के बीच शुरू हुई जुबानी जंग से पैदा हुआ है।

बिजली महंगी, सब्सिडी समाप्त होगी

पाकिस्तान की आम जनता पर आने वाले दिन और मुश्किलें ही लेकर आने वाले हैं। आईएमएफ ने लोन देने को लेकर जो शर्तें रखी हैं, उनमें सब्सिडी खत्म करना भी शामिल है। आईएमएफ का कहना है कि पाकिस्तान सब्सिडी को कम करे और अपने राजस्व में बढ़ोतरी करे। आईएमएफ स्थायी राजस्व उपायों पर जोर दे रहा है, जिसमें जीएसटी को 17 से बढ़ाकर 18% करना, पेट्रोलियम तेल उत्पादों पर जीएसटी लगाना जैसे उपाय शामिल हैं।

रक्षा बजट में कटौती का सुझाव

वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष सूत्र के अनुसार सरकार ने रक्षा मंत्रालय से रक्षा बजट में 10-15 फीसदी की कटौती करने की आईएमएफ की शर्त के बारे में चर्चा की है। रक्षा मंत्रालय ने सेना के सामान्य मुख्यालय (जीएचक्यू) के सुझाव से जवाब दिया है कि गैर-लड़ाकू बजट में केवल 5-10 प्रतिशत की कटौती की जा सकती है। (एएमएपी)