कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं में रहा हाथ।
हिजबुल मुजाहिदीन का संस्थापक सदस्य और नंबर तीन कमांडर इम्तियाज आलम उर्फ बशीर अहमद पीर पाकिस्तान में मारा गया है। इम्तियाज आलम की रावलपिंडी में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। इम्तियाज हमेशा से कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए जिम्मेदार माना जाता रहा है। पिछले साल, 4 अक्टूबर को केंद्र ने उसे गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक आतंकवादी के रूप में नामित किया था।
मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के बाबरपोरा इलाके का रहने वाला इम्तियाज आलम पाकिस्तान के रावलपिंडी में रहता था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार की अधिसूचना में कहा गया है कि पीर “हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और अन्य की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए पूर्व-आतंकवादियों और अन्य कैडरों को एकजुट करने के लिए कई ऑनलाइन प्रचार समूहों में शामिल था।”
जाकिर मूसा को मारने का आरोप
इम्तियाज आलम पर 23 मई, 2019 को कश्मीर में अल-कायदा की शाखा अंसार गजवत-उल-हिंद के मुख्य कमांडर जाकिर मूसा को मारने का आरोप लगाया गया था। वहीं, मई 2017 में उसने पाकिस्तान समर्थक हिजबुल मुजाहिदीन छोड़ दिया और खिलाफत की स्थापना और शरिया कानूनों को लागू करने का आह्वान किया।
ISI के इशारे पर हुआ रिहा
मार्च 2007 में पाकिस्तानी सेना के सैन्य खुफिया निदेशालय ने इम्तियाज आलम को हिरासत में ले लिया था। उस समय उसने अपने ‘उत्तरी डिवीजन कमांडर’ मोहम्मद शफी डार को मजबूत करने के लिए 12 आतंकियों की एक टीम भेजी थी। हालांकि, आईएसआई (ISI) के आदेश पर उसे जल्द ही रिहा कर दिया गया।