हालांकि, इसके पहले पार्टी के एक वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा संगठन की हालत को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके थे। उन्होंने राज्य में पांच प्रभारियों को लेकर जो टिप्पणी की वह पूरे संगठन में चर्चा की मुद्दा भी रही। परोक्ष रूप से उनका इशारा संगठन प्रभारी मुरलीधर राव, सह प्रभारी पंकजा मुंडे व रमाशंकर कठेरिया, क्षेत्रीय प्रभारी अजय जामवाल को लेकर था। इसके अलावा, बिना नाम लिए संगठन के संयुक्त सचिव शिवप्रकाश पर भी सवाल खड़े किए गए थे। भाजपा को सत्ता विरोधी माहौल से साथ संगठन के असंतोष से भी जूझना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। बाद में कांग्रेस में हुए विभाजन से भाजपा को सत्ता में आने का मौका मिल गया था। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस से आए इस खेमे को लेकर भी भाजपा का एक वर्ग नाराज है। पार्टी सिंधिया कैंप को भी उचित सम्मान देने की कवायद कर रही है। इसके लिए बीच का रास्ता निकाला जाएगा। इसके अलावा, वरिष्ठ नेताओं को लंबे समय तक प्रदेश के मामलों में नजरंदाज किए जाने को लेकर भी दिक्कतें आ रही हैं। हालांकि, अब पुराने नेताओं को साधने की कोशिश की जा रही है।(एएमएपी)