भारत केला उत्पादन में दुनिया में नंबर एक है। दुनिया के संपूर्ण उत्पादन का 30 फीसदी केला हम उपजाते हैं लेकिन निर्यात में हमारी हिस्सेदारी सिर्फ एक फ़ीसदी है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इन कोशिशो में जुटी है कि केले का निर्यात बढ़ और किसानों के घर में खुशहाली आए।

आने वाले कुछ वर्षों में केला यूपी के किसानों की किस्मत बदलने वाला साबित होगा। इसका सर्वाधिक लाभ उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और अवध क्षेत्र में शामिल कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, महराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, अमेठी और बाराबंकी जैसे अनेक जिलों के उन किसानों को मिलेगा जो पिछले करीब डेढ़ दशक से केले की खेती कर रहे हैं। इनके केले की गुणवत्ता भी अच्छी है इसीलिए प्रदेश के बड़े शहरों सहित नेपाल, बिहार, पंजाब, दिल्ली, जम्मू आदि में भी यहां के केले की खासी मांग है।

वाराणसी और मलिहाबाद (लखनऊ) में आधुनिक पैकिंग हाउस बन जाने का लाभ के साथ केला उत्पादक किसानों को भी मिलेगा। योगी सरकार पहले से ही केले की खेती को प्रोत्साहन दे रही है। केले को करीब छह साल पहले ही कुशीनगर का ओडीओपी (एक जिला,एक उत्पाद) घोषित करना इसका सबूत है। यहां सिर्फ केले की खेती ही नहीं हो रही है बल्कि कई स्वयं सहायता समूह प्रसंस्करण के जरिए केले के कई उत्पाद (जूस, चिप्स, आटा,आचार आदि) और केले के रेशे से भी कई उत्पाद (हर तरह के पर्स, योगा मैट, दरी, पूजा की आसनी, चप्पल, टोपी, गुलदस्ता,पेन स्टैंड आदि) बना रहे हैं।

कुशीनगर के लोग हाल ही में योगी सरकार द्वारा ग्रेटर नोएडा में आयोजित इंटरनेशनल ट्रेड शो में भी गए थे। वहां भी उनके उत्पाद खूब पसंद किए गए। यही नहीं सरकार प्रति हेक्टेयर केले की खेती पर करीब 38 हजार रुपए का अनुदान दे रही है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से संबंध केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (रहमान खेड़ा लखनऊ) के निदेशक टी. दामोदरन की अगुआई में वैज्ञानिकों की टीम लगातार केला उत्पादक क्षेत्रों में विजिट कर फसल में रोगों, कीटों के प्रकोप की निगरानी करती है।

दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक होने के बावजूद निर्यात में सिर्फ एक फीसद हिस्सेदारी एपीडा के आंकड़ों के मुताबिक भारत विश्व का सबसे बड़ा केला उत्पादक है। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान से मिले आंकड़ों के मुताबिक भारत में लगभग 3.5 करोड़ मीट्रिक टन के उत्पादन के साथ लगभग 9,61,000 हेक्टेयर भूमि में इसकी खेती की जाती है।

एपीडा के अनुसार वैश्विक उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 30 फीसद है। पर, करीब 16 अरब के वैश्विक निर्यात में भारत की भागीदारी हिस्सेदारी सिर्फ एक फीसद है। दो-तीन वर्षों में केले का निर्यात बढ़ाकर एक अरब डॉलर करने का लक्ष्य एपीडा ने अगले दो से तीन वर्षों में केले का निर्यात बढ़ाकर एक अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है। (खलिहान न्यूज)