सैकड़ों दर्शकों और तालिबान के अधिकारियों के सामने दी गई मौत
तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि देश की तीन सर्वोच्च अदालतों और तालिबान के सर्वोच्च नेता मुल्ला हैबतुल्ला अखुंदजादा की अनुमति के बाद सार्वजनिक सजा-ए-मौत दी गई। मुजाहिद के अनुसार, सार्वजनिक सजा-ए-मौत पश्चिमी फराह प्रांत में सैकड़ो दर्शकों, राजधानी काबुल और पश्चिमी प्रांत के कई शीर्ष तालिबानी अधिकारियों के सामने दी गई।
हत्या करने पर दी गई ये खौफनाक सजा
जानकारी के अनुसार, तालिबानी प्रवक्ता मुजाहिद ने बताया कि जिस व्यक्ति को सजा-ए-मौत दी गई उसका नाम तजमीर है। हेरात प्रांत का रहने वाला तजमीर को पांच साल पहले मुस्तफा नामक एक व्यक्ति की हत्या कर उसके मोटरसाइकिल और मोबाइल की चोरी करने के आरोप में दोषी करार दिया गया।
मुस्तफा के परिवार की ओर से तजमीर पर हत्या का आरोप लगाने के बाद तालिबान सुरक्षा बलों ने उसे गिरफ्तार किया था। तालिबान प्रवक्ता की ओर से जारी बयान में यह नहीं बताया गया है कि तजमीर की गिरफ्तारी कब हुई थी। हालांकि बयान के अनुसार तजमीर ने हत्या की बात कबूल कर ली थी।
वादे से मुकरा तालिबान
1990 में जब तालिबान पहली बार अफगानिस्तान में कब्जा किया था। उस वक्त भी तालिबानी अदालत अपराध के दोषी को सार्वजनिक रूप से मौत की सजा, कोड़े मारने और पत्थर मारने का आदेश देता था। हालांकि अगस्त 2021 में जब तालिबान ने दुबारा अफगानिस्तान पर कब्जा किया तो वादा किया था कि वो नागरिकों के प्रति उदार रहेगा और महिलाओं और अल्पसंख्यक अधिकारों की अनुमति देगा। इसके बावजूद तालिबान ने छठी कक्षी के बाद लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध लगाने सहित नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता को कम करने का काम किया। चोरी, व्यभिचार या घर से भागने के आरोपी कई नागरिकों को दंडित करते हुए सार्वजनिक रूप से कोड़े मारने का आदेश दिया है। (एएमएपी)