पीएम मोदी फिजी और पापुआ न्यू गिनी के सर्वोच्च सम्मानों से सम्मानित।
उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में सागर अमृत स्कॉलरशिप के तहत 1000 स्कॉलरशिप दी जाएगी। पापुआ न्यू गिनी में आयोजित जयपुर फुट कैंप की तर्ज पर अब हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र के अन्य देशों में भी हर साल ऐसे दो कैंप आयोजित किए जाएंगे। हिंद प्रशांत देशों में छोटे और मझोले उद्योगों को स्थापित करने में मदद के लिए एसएमई विकास परियोजना स्थापित होगी। अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए हिंद प्रशांत देशों की सरकारी इमारतों पर सोलर प्रोजेक्ट बनाए जाएंगे। पीने का साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार हिंद प्रशांत देशों में डीसेलिनेशन यूनिट स्थापित की जाएंगी। साथ ही इन देशों को समुद्र में चलने वाली एंबुलेंस की आपूर्ति की जाएगी। हिंद प्रशांत देशों के विभिन्न अस्पतालों में डायलिसिस यूनिट और 24 घंटे काम करने वाली इमरजेंसी हेल्पलाइन स्थापित की जाएंगी। हिंद प्रशांत देशों में भारत जन औषधि केंद्र और योगा केंद्र स्थापित करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पापुआ न्यू गिनी की अपनी यात्रा समाप्त कर ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हो गए हैं। उन्होंने पापुआ न्यू गिनी के अपने दौरे को सफल करार दिया। इससे पहले पापुआ न्यू गिनी ने प्रशांत द्वीप देशों की एकता और ग्लोबल साउथ की अगुआई करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू’ से सम्मानित किया। पपुआ न्यू गिनी के बहुत कम गैर-निवासियों को यह पुरस्कार मिला है। इस सम्मान को पापुआ न्यू गिनी का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है।(एएमएपी)
इसी तरह एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता के तौर पर भारत के इन्हीं कदमों के लिए फिजी के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी को अपने देश का सर्वोच्च सम्मान- ‘कंपैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ प्रदान किया। दुनिया में अब तक सिर्फ कुछ ही गैर-फिजीवासियों को यह सम्मान दिया गया है। रिपब्लिक ऑफ पलाऊ के राष्ट्रपति सुरंगेल एस. व्हिप्स जूनियर ने पीएम मोदी को एबाकल अवॉर्ड से सम्मानित किया।(एएमएपी)